हर व्यक्ति में किसी न किसी प्रकार की ईगो होती है. यह इंसानी फितरत है. साक्षी में इतनी ईगो है कि वह पहले तो किसी से भी लड़ लेती है फिर अपनी गलती होते हुए भी गलती नहीं मानती. छोटीछोटी बातों पर बहुत जल्दी गुस्सा हो जाना और पलट कर जवाब देना उस की आदत बन चुकी है.
साक्षी अपनी ईगो को हर रिश्ते से ऊपर रखती है. अपनी ईगो पर जरा सी चोट पहुंचते ही वह कोई भी निर्णय लेने को तैयार हो जाती है. इसी कारण उस की किसी से बनती नहीं है. उस के दोस्तों की संख्या भी कम होती जा रही है.
साक्षी जैसे अनगिनत लोग हैं जो अपनी ईगो के चलते अनमोल रिश्तों को भी खो देते हैं. जीवन का हर रिश्ता अनमोल होता है चाहे वह दोस्त का हो या फिर रिश्तेदार का. हमारा फर्ज है कि हम अपने हर रिश्ते को संभालें व अपनी ईगो के कारण अकारण ही रिश्ते को टूटने से बचाएं.
निम्न बातों पर अमल कर आप अपने रिश्ते को संभाले रख सकते हैं :
- किसी भी बात पर आपसी मतभेद हो जाना आम बात है, लेकिन कभीकभी यह मतभेद उग्र रूप भी ले लेता है. मतभेद या लड़ाई हर जगह होती है पर सौरी बोल कर आप उस मतभेद को खत्म कर के रिश्तों में आई कड़वाहट दूर कर सकते हैं. अगर आप ने अपने सब से अच्छे दोस्त को कुछ ऐसा कह दिया है, जिस से उस की भावनाओं को ठेस पहुंची है तो तुरंत उस से माफी मांग लीजिए. इस से बिगड़ते रिश्ते को संभाला जा सकता है.
आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें
डिजिटल

सरिता सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं
- सरिता मैगजीन का सारा कंटेंट
- देश विदेश के राजनैतिक मुद्दे
- 7000 से ज्यादा कहानियां
- समाजिक समस्याओं पर चोट करते लेख
डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

सरिता सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं
- सरिता मैगजीन का सारा कंटेंट
- देश विदेश के राजनैतिक मुद्दे
- 7000 से ज्यादा कहानियां
- समाजिक समस्याओं पर चोट करते लेख
- 24 प्रिंट मैगजीन