रिश्ता चाहे कोई भी हो, हर रिश्ते का अपना महत्त्व है. कुछ रिश्ते जन्म से बनते हैं. जो खून के रिश्ते होते हैं लेकिन जैसेजैसे हम जिंदगी के सफर में आगे बढ़ते जाते हैं. हमें कुछ ऐसे लोग मिलते हैं जिन से कई बार जानेअनजाने अनकहे रिश्ते बन जाते हैं. जिन का कोई नाम नहीं होता लेकिन जब बनते हैं तो दिल की गहराइयों से बनते हैं और उम्रभर निभाए जाते हैं. ये रिश्ते कभी भी, कहीं भी बन सकते हैं. मशहूर क्रिमिनल साइकोलौजिस्ट अनुजा कपूर का कहना है कि अब इन सब से अलग आजकल रिश्तों की कई नई परिभाषाएं देखी जा रही हैं और वो है हाईटेक रिश्ते की, अजैप्टेड रिश्तों की.
हाईटैक रिश्ते
तेजी से बदलते दौर में इंटरनैट और सोशल नैटवर्किंग साइड ने रिश्तों की नई परिभाषा तैयार की है. बिजी लाइफ स्टाइल के चलते अब युवा इन साइट्स के जरिए ही संबंधों को बढ़ा रहे हैं. सोशल नैटवर्किंग साइट एक ऐसा वर्चुअल वर्ल्ड है. जिस में चैटिंग, फोटो लाइकिंग की आदत कई तरह के दोस्तों से मुलाकात कराती है. हालांकि यह जरूरी नहीं होता कि सभी दोस्त हमारी उम्मीदों पर खरा ही उतरे. हम उस की सभी इच्छाओं को पूरा कर पाएं. इन में से कुछ खास दोस्त भी बन जाते हैं और कुछ ऐसे भी होते हैं जो बोझ बन जाते हैं. जिन से पीछा छुड़ाना मुश्किल होता है. इन सब से अलग एक रिश्ता अडौप्टेड होता है जिस की बौंडिंग खास होती है.
अडौप्टेड रिश्ता
ये वो रिश्ते होते हैं, जिन्हें हम सोचसमझ, देखपरख कर कमी होने के बाद भी स्वीकार करते हैं. इस रिश्ते में कोई फोर्स नहीं है बस उस की फिजिकली कमी के साथ सामने वाले की बेहतरी के लिए अडौप्ट करना जैसे मां न बन पाने पर किसी गरीब व अनाथ बच्चे को गोद लेना. आप में बच्चा न होने की कमी है और आप ने ऐसे बच्चे को गोद लिया जो आप की लाईफ का खालीपन तो भरेगा ही साथ ही उस अनाथ बच्चे की परवरिश भी हो जाएगी. ऐसा ही एक फेमस अडौप्टेड रिश्ता है एसिड विक्टिम लक्ष्मी का. जिस में लक्ष्मी की फिजिकल कमी को जानते हुए भी पत्रकार आलोक दीक्षित ने उसे स्वीकार किया. ऐसे रिश्ते मन की सच्चाई के रिश्ते कहलाते हैं. ऐसे रिश्तों को हम एैक्सैप्ट करने के साथ जिंदगी भर संभालने के लिए अडौप्ट भी करते हैं. ऐसे रिश्तों को निभाना थोड़ा मुश्किल होता है और ऐसे रिश्तों में सब से खास बात यह होती है कि आप को सामने वाले को टैलेंट के समझना होगा.