अक्सर माता-पिता अपने बच्चों से कुछ बातें करने में कतराते हैं और सोचते हैं कि कैसे कहूं. लेकिन उन्हें ये बातें करनी चाहिए चाहे वो किसी भी बात से रिलेटेड हो उनके प्राइवेट लाइफ से रिलेटेड हो. आप खुद सोचिए इस बात को क्या सिर्फ मां ही एक अच्छी दोस्त बन सकती है अपनी बेटी की... लोग कहते हैं कि बाप अपनी बेटी की बिदाई में सबसे ज्यादा रोता है लेकिन उसेक आंसू नहीं गिरते क्योंकि वो अंदर से रोता है.जी हां एक पिता अपनी बेटी से बहुत प्यार करता है....और एक पिता अपनी बेटी का अच्छा दोस्त भी बन सकता है.
आप एक पिता होकर खुद सोचिए कि यदि आप अपनी बेटी का दोस्त बनने की कोशिश नहीं करेंगे और ना ही अपनी बेटी को समझेंगे तो भला आप उसके अच्छे दोस्त किस तरह बन पाएंगे....आपकी बेटी कैसे आपसे कुछ भी शेयर कर पाएगी. अगर आप अपनी बेटी को समझने की कोशिश करेंगे तो यकीनन आप ये समझ पाएंगे कि आपकी बेटी आपसे बहुत प्यार करती है. वो आपको कभी भी दुख नहीं देना चाहती और ना ही वो आपसे कुछ छुपाना चाहती है. लेकिन वो आपसे सिर्फ डर के कारण कि आप उस पर गुस्सा करेंगे या उसे समझेंगे नहीं तो वो आपसे कुछ भी नहीं कह पाती है. आपकी बेटी का भी कोई पार्टनर होगा वो उसे बहुत पसंद कर सकती है लेकिन आपको उसके बारे में नहीं पता होता क्योंकि आपकी बेटी आपसे डर के कारण कुछ भी नहीं कहती है. उसे कुछ अगर समस्या होती है तो संकोच के कारण नहीं कह पाती है.