एक ऐसे समय में जब नौकरियां पहले से ही कम हो गई हैं, जहां हैं भी उनके ऊपर कोविड का लगातार साया मंडरा रहा है. ऐसे में नौकरी सिर्फ आपकी डिग्री भर से नहीं मिल जाती. निश्चित रूप से डिग्री जरूरी है. लेकिन आज की तारीख मंे पर्सनैलिटी भी नौकरी पाने में एक बड़ी भूमिका निभाती है और यह गलत भी नहीं है. आखिरकार पर्सनैलिटी में हमारा पढ़ा लिखा तो झलकता ही है, हमारे अनुभव, हमारी स्मार्टनेस और दुनिया के प्रति हमारे विचार भी हमारी पर्सनैलिटी का हिस्सा होते हैं. इसलिए वक्त आ गया है कि अब पर्सनैलिटी को गंभीरता से लें.

जरूरी नहीं है कि हर पढ़ा लिखा व्यक्ति सबसे अच्छा ही हो. कुछ लोग पढ़े-लिखे तो बहुत होते हैं पर दूसरों को अपनी बात ठीक से समझा नहीं पाते तो कुछ की बौडी लैंग्वेज सही नहीं होती. कुछ लोग सुंदर होते हैं पर उन्हें सही ड्रेस सेंस नहीं होती, कुछ सोशल गैदरिंग में खुद को सही तरीके से पेश नहीं कर पाते. अपनी छोटी-छोटी कमियों को दूर करने और दबी छिपी खूबियों को निखारने से ही बनती है एक अच्छी पर्सनैलिटी. एक अच्छी पर्सनैलिटी को निखारने के लिए आजकल हर छोटे बड़े शहर में ऐसे ग्रूमिंग संस्थान पैदा हो गए हैं जो किसी की पर्सनैलिटी में चार चांद लगाने के लिए तमाम उपाय करते हैं .

इस तरह के संस्थानों में आमतौर पर 2 तरह के पाठ्यक्रम कराये जाते हैं. पहला उन लोगों के लिए जो अपनी पर्सनैलिटी ग्रूमिंग के लिए आते हैं और दूसरा उन युवक-युवतियों के लिए जो मॉडल बनने के इच्छुक होते हैं. दोनों ही प्रकार के पाठ्यक्रमों में बाॅडी लैंग्वेज, टेबलमैनर्स, बोलने की कला, चाल ढाल और पोस्चर, हेयर एंड मैकअप, स्किन केयर और डाइट, ड्रेससेंस और वार्डरोब आदि के बारे में बताया जाता है. जो मॉडल बनना चाहते हैं उन्हें रैंप मॉडलिंग, कैमरे के आगे कैसे अच्छा दिखें आदि की तकनीक भी सिखायी जाती है.

सवाल है आखिर इन संस्थानों में क्या सिखाया जाता है जिससे किसी की सामान्य पर्सनैलिटी में भी चार-चांद लग जाते हैं? आइये इसे जानें. अभिवादन करने व स्वीकारने की कला- आप कहेंगे नमस्ते करना भी क्या सीखने की बात है ? क्योंकि हम लोग तो बचपन से नमस्ते करना जानते होते हैं. लेकिन हम कहेंगे ऐसा नहीं है. सीखने की जरुरत होती है. बहरहाल ये संस्थान नमस्ते करने का जो ढंग सिखाते हैं उसके मुताबिक दोनों हाथों को बराबर जोड़ें. अंगूठे आप के सीने से लगे होने चाहिए जबकि सिरा को थोड़ा झुकाते हुए नमस्ते करें. ध्यान रखें, इस दौरान आपकी पीठ सीधी होनी चाहिए. यदि कोई हाथ मिलाने के लिए अपना हाथ बढ़ाए तो उस समय हाथ जोड़कर नमस्ते करना बदतमीजी होती है. वास्तव में हाथ मिलाने का भी अपना एक नियम होता है. सदैव सीधा हाथ मिलाना चाहिए. सिर्फ हाथ की उंगलियां नहीं वरन आगंतुक की हथेली के साथ अपनी हथेली को जोड़ते हुए हलके दबाव के साथ 2 बार ऊपर नीचे करते हुए बीच में लाकर छोड़ दें. यह क्रिया 3 सेकंड के अंदर संपन्न हो जानी चाहिए. लेकिन ये कोरोना के दहशत वाले दिन अगर कोई हाथ न बढ़ाए तो अपना हाथ न बढ़ाएं.

सही पोस्चर- आकर्षक व्यक्तित्व के लिए सही पोस्चर में कैसे रहा जाए? यह जानना बहुत जरूरी है. सही पोस्चर न अपनाने से व्यक्तित्व के आकर्षण में तो कमी आती ही है साथ ही पीठ संबंधी विकार होने की भी संभावना रहती है. व्यक्तित्व विकास संस्थानों में सिखाया जाता है कि अगर आप महिला हैं तो सीना तानकर या नितंबो को पीछे की ओर निकालकर मटकते हुए नहीं चलना चाहिए. साथ ही चालढाल या पोस्चर में दब्बूपन भी नहीं होना चाहिए बल्कि आत्मविश्वास झलकना चाहिए.

आफिस में पहनावा कैसा हो- ड्रेस सेंस में बहुत जरूरी होता है कि आफिस में आप कैसे कपड़े पहनते हैं. लड़कियों के लिए इसके और भी ज्यादा फोकस्ड मायने होते हैं. आॅफिस के लिए ब्लू शेड या ग्रीन शेड की साडियां कार्यालय के लिए अच्छी रहती हैं. अगर सलवार कुरता पहनना हो तो छोटे प्रिंट वाला पहनें. बिलकुल सूती कपड़ा न पहनें क्योंकि उस की क्रीज जल्दी खराब हो जाती है. कपड़े पारदर्शी नहीं होने चाहिए. सलवार कुरता पहने हों तो दुपट्टा भी पिनअप होना चाहिए. ऑफिस में बंद जूते पहनने चाहिए. यदि पाश्चात्य ड्रेस पहननी हो तो ट्राउजर, जैकेट और पूरी बाजू की कमीज पहनें. बिना कौलर वाली कमीज नहीं पहननी चाहिए और न ही लाल रंग की और चेक वाली.

बहुत पतली धरी की कमीज पहनी जा सकती है. कारपोरेट ऑफिस ऐसे ऑफिस के लिए नेवी ब्लू, काला और ग्रे बहुत ही पावरपुफल कलर माने गए हैं. कमीज की बाजू कोट से 1 इंच बाहर निकली हुई होनी चाहिए. इंरव्यू के लिए जाते समय कभी भी जींस और बिना कौलर की टी शर्ट न पहनें और न ही लेदर की जैकेट. खाना खाने का सही तरीका, बोलने का सलीका, सही मेकअप आदि बहुत कुछ जरूरी होता है. पर्सनैलिटी को निखारने के लिए इस में दो राय नहीं कि अच्छी पर्सनैलिटी से ही आत्मविश्वास पैदा होता है. आप का व्यक्तित्व, बातचीत का तरीका व व्यवहार अगर अच्छा हो तो आप को भीड़ से अलग पहचान मिलेगी.

 

और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...