पीढ़ियों से, भारतीय घरों में पानी स्टोर करने के लिए मिट्टी के बर्तन यानी घड़े का इस्तेमाल किया जाता रहा है. आज भी कुछ लोग ऐसे हैं जो इन्हीं मिट्टी से बने बर्तनो में पानी पीते हैं, उन्हें  मिट्टी की भीनी-भीनी खुशबू  बहुत भाती है. क्योंकि स्वास्थ्य की दृष्टि से मटके का पानी गले के लिए अच्छा होता है तथा फ्रिज के ठन्डे पानी की तुलना में इसका सेवन करना लाभदायक होता है. मटके के पानी एक बड़ा फायदा यह भी है कि यह प्राकृतिक तौर पर ठंडा तो होता  ही है साथ ही इससे बिजली की बचत भी होती है मटके में रखा पानी सही तापमान पर रहता है, ना बहुत अधिक ठंडा ना गर्म. इसलिए घड़े का पानी पीने से शरीर स्वस्थ रहता है.

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बाजार में कई तरह के मिट्टी के मटके और सुराही उपलब्ध हैं लेकिन अगर लेटेस्ट ट्रेंड की बात की जाए तो  इस समय आकर्षक हैण्ड पेंटेड रंग बिरंगे और खूबसूरत मटके मार्किट में उपलब्ध हैं जिसमें आपके वाटर फ़िल्टर की तरह छोटा नल भी  लगा होता है जिससे इसका प्रयोग करना  बहुत आसान हो जाता है.ये मटके न लेवल आपके घर की शोभा बढ़ाएंगे बल्कि आपको स्वस्थ भी रखंगे .मिटटी के बर्तनों में पानी की बोतल , दही ज़माने की स्टाइलिश हांडी भी उपलब्ध है.

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रोहिणी के रजापुर इलाके में सालों से ऐसे खूबसूरत  मटके बेचने वाले राजेश कहते हैं “गर्मियों में मटकों की मांग बढ़ जाती है. बड़ी बड़ी गाड़ियों में लोग हम से हजारों का सामान ले जाते हैं. साइज़ के हिसाब से 300 रुपये से लेकर 500-600 रुपये तक है, गुजरात की सफेद मिटटी से बने इन मटकों की फिनिशिंग बहुत अच्छी होती है.”

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