मां और बेटी का रिश्ता बेहद अंतरंग व अनोखा होता है. लेकिन, बेटी की चिंता के चलते मां का उस के शादीशुदा जीवन में दखल देना अकसर कई मुसीबतें खड़ी कर देता है.

मांबेटी का रिश्ता बेहद प्यारा होता है. हर मां अपनी बेटी के विवाह के सपने देखती है. हर मां चाहती है कि उस की बेटी शादी के बाद अपनी ससुराल में हर तरह से सुखी रहे. मातापिता इसी उम्मीद से अपनी बेटी का विवाह करते हैं और आशीष देते हैं कि वह हमेशा खुश रहे. लेकिन, कई बार कुछ ज्यादा खुशी देने के चक्कर में बात बिगड़ भी सकती है. कुछ मांएं इस आशा में कि उन की बेटी को वह सब मिले जिस की वह हकदार है, शादीशुदा बेटी की गृहस्थी में हस्तक्षेप करने लगती हैं.

वे यह नहीं समझ पातीं कि उन की बेटी अभीअभी शादी कर के गई है. उसे नए घर में, नए परिवार के साथ बसने के लिए कुछ समय लगेगा. ठीक वैसे ही जैसे नए परिवार को भी उसे पूर्णतया अपनाने हेतु थोड़ा समय देना होगा. क्या वे खुद अपना वक्त भूल जाती हैं कि उन्हें भी तो कई वर्ष लग गए अपनी गृहस्थी की बागडोर को पूरी तरह से संभालने में.

नई बहू और नई ससुराल दोनों को एडजस्ट करने के लिए भरपूर वक्त देना होगा ताकि नए परिवार की नींव अच्छे से रखी जा सके. किंतु हमारे सामने ऐसे न जाने कितने उदाहरण आते हैं जहां मां की चिंता के कारण बेटी के लिए ससुराल में परेशानी उठ खड़ी हुई.

श्वेता ने अपनी मम्मी को बताया कि उस के गहने उस की सास ने अपने लौकर में रखवा दिए हैं.

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