साल 1989 में आई फिल्म ‘मैं ने प्यार किया’ ने हिंदी फिल्म इंडस्ट्री को एक नया सुपरस्टार सलमान खान दिया था. सलमान खान ने फिल्म इंडस्ट्री को दिया फिट रहने का मंत्र. फिल्म ‘सूर्यवंशी’ में उन के सिक्स पैक ऐब्स ने लोगों को दीवाना बना दिया था.
इस के बाद तो फिल्म हो या टैलीविजन, हर जगह ऐसे मेल कलाकारों की डिमांड ज्यादा बढ़ गई, जिन का बदन गठीला होता था. बड़ा या छोटा परदा ही क्यों, शहरकसबों तक में जिम खुलने लगे थे, जहां नई उम्र के लड़के बौडी बनाने की मानो होड़ सी करने लगे थे. अब समय बदला है तो कसरत करने के तरीके भी बदलने लगे हैं. भारत में क्रिकेट के अलावा दूसरे खेलों के बढ़ते चलन और खिलाडि़यों की फिटनैस पर नौजवान नजर रखते हैं, उन के अपनाए गए तरीकों से ही वे खुद को फिट बनाए रखना चाहते हैं. इन्हीं तरीकों में से एक है क्रौसफिट तकनीक.
बात साल 2000 की है. अमेरिका के कैलिफोर्निया राज्य के सांताक्रूज में ग्रैग ग्लासमैन और लौरेन जेनई ने क्रौसफिट नाम से एक फिटनैस ब्रांड की शुरुआत की थी. इसे ट्रेनिंग करने का मौडर्न वर्जन भी कह सकते हैं.
क्रौसफिट की खासीयत यह है कि इस तकनीक में लोगों को कुदरत से जोड़ कर ट्रेनिंग दी जाती है यानी सभी ऐक्सरसाइज खुले आसमान के नीचे की जाती हैं. साथ ही, लोगों को ‘सेहतमंद खाएं और अच्छा खाएं’ की सलाह दी जाती है. इस के अलावा उन्हें किसी तरह का सप्लीमैंट फूड लेने से भी मना किया जाता है.
क्रौसफिट तरीके से ऐक्सरसाइज करने से लोग कम समय में अपनी बौडी को फिट रख सकते हैं. इस से मसल्स, स्टैमिना, शरीर की अंदरूनी ताकत यानी बौडी पावर को बढ़ाने में अच्छी मदद मिलती है. चूंकि ये ऐक्सरसाइज खुले आसमान के नीचे कराई जाती हैं, इसलिए लोगों को ताजा हवा और औक्सिजन भरपूर मात्रा में मिलती है.