केसर और बादाम से तैयार होने वाला केसरिया पेड़ा हलके पीले रंग का होता है. वैसे तो इस पेड़े को हमेशा पसंद किया जाता है, पर जाड़ों में इसे ज्यादा पसंद किया जाता है. केसर और बादाम से तैयार होने के कारण इस से शरीर को ताकत और ताजगी मिलती है. भारत के पड़ोसी देश नेपाल में भी यह पेड़ा बहुत पसंद किया जाता है. भारत में 5 सौ रुपए प्रति किलोग्राम की दर से बिकने वाला केसरिया पेड़ा नेपाली करेंसी में 8 सौ रुपए प्रति किलोग्राम की दर से बिकता है. नेपाल में सर्दियों का मौसम लंबे समय तक चलता है, लिहाजा केसरिया पेड़ा वहां सब से ज्यादा पसंद किया जाता है.

केसरिया पेड़ा बनाना सरल होता है. इसे आसानी से बना कर इस का रोजगार भी किया जा सकता है. गांव के लोग इसे बना कर अपने आसपास के बाजारों में बेच सकते हैं. बनाने की विधि सरस होने और रखरखाव में ज्यादा परेशानी न होने की वजह से यह अधिक सरल रोजगार हो गया है. केवल मिठाई का रोजगार करने वाले लोग ही नहीं, दूसरे लोग भी इसे बना कर बेच सकते हैं. कई जगहों पर तो इसे फेरी लगा कर भी बेचा जाता है. ऐसे में केसरिया पेड़े का रोजगार करना सरल होता है.

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केसरिया पेड़ा बनाने की सामग्री :

खोया 500 ग्राम,

पिसी चीनी 200 ग्राम,

इलायची पाउडर 1 चम्मच,

बादाम 5-6 (बारीक कटे),

पिस्ता 5-6 (बारीक कटे),

केसर 6-7 धागे,

हरी इलायची 9-10 (दरदरी कुटी हुई),

गरम दूध 1 कप.

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बनाने की विधि:

केसरिया पेड़ा बनाने के लिए केसर के धागों को कुनकुने दूध में भिगो कर रख दें.

खोए को हलके हाथों से मसलें. इस से यह मुलायम हो जाएगा. अब इस मुलायम खोए को हलकी आंच पर चढ़ा कर हलका सा भून लें.

भूने हुए खोए को ठंडा होने दें. फिर उस में केसर वाले दूध को मिलाएं. फिर पिसी चीनी व इलायची पाउडर डाल कर अच्छी तरह मिलाएं.

पेड़े बनाने के लिए हथेलियों में थोड़ा सा घी लगा चिकना कर लें. पेड़े के मिश्रण को गोलगोल घुमाते हुए अंगूठे से दबा कर पेड़े का आकार बना लें.

तैयार पेड़े के ऊपर कटे पिस्ते और बादाम के टुकड़े लगा दें. केसर मिला होने के कारण इस का रंग अलग दिखता है.

पेड़ों को पसंद करने का दूसरा कारण यह है कि इन को लंबे समय तक संभाल कर रखना सरल होता है. इन्हें कहीं से लाने या ले जाने में भी दिक्कत नहीं होती है. पुरानी मिठाई होने के कारण पेड़ों का चलन सभी जगहों पर है.

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