क्या आप कह सकते हैं कि आप अपने पार्टनर के साथ पूरी तरह लौयल हैं? क्या कभी ऐसा हुआ है कि सच बोलने की कीमत आप को चुकानी पड़ी हो? अपने पार्टनर से अपना हर सीक्रेट शेयर करना कहीं आप को महंगा तो नहीं पड़ गया? क्या आप के झूठ नहीं सच की वजह से कभी पार्टनर की भावनाएं आहात हुए हैं और आप को अपने उस सच बोलने का पछतावा है?

रहीम का बहुत प्रसिद्ध दोहा है-

रहिमन धागा प्रेम का, मत तोड़ो चटकाय.
टूटे से फिर न जुड़े, जुड़े गांठ परि जाय॥

अर्थात प्रेम के धागे को कभी तोड़ना नहीं चाहिए, क्योंकि यदि यह एक बार टूट जाता है, तो फिर दोबारा नहीं जुड़ता और जुड़ता भी है, तो इस में गांठ पड़ी रह जाती है. यदि यह धागा नईनई शादी का हो तो इस के टूटने या इस में गांठ पड़ने की संभावनाएं ज्यादा रहती हैं, क्योंकि आरंभ में यह थोड़ा कच्चा होता है. रिश्ते की गांठें भले ही बाहर नजर न आएं, मगर मन में तो पड़ी ही रह जाती हैं, जो पूरी उम्र सालती रहती हैं.

दूसरे शब्दों में कहें तो कई बार हमारी सच बोलने की आदत हमारे अच्छे भले रिश्ते में ऐसी दरार डालती है जो कभी नहीं भर पाती. वैसे भी पतिपत्नी का रिश्ता, कभी बर्फ का तो कभी आग का होता है. कभी खुशी का तो कभी गम का होता है लेकिन इस रिश्ते की डोर जितनी मजबूत होती है उतनी नाजुक भी होती है. भरोसे से गूंथी हुई और प्यार में भीगी हुई यह डोर विश्वास पर टिकी होती है. यही सोच कर आप अपने शादी से पहले के अफेयर की बात भी अपने पार्टनर से शेयर कर बैठते हैं.

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