लेखिका- मनीषा अग्रवाल

मध्यवर्ग के लिए निवेश के अवसर दिखने में अच्छे लगते हैं पर इन की असलियत छिपी रह जाती है. फिर भी जो प्रचार फाइनैंस कंपनियां करती हैं, इन के बारे में जानिए.    मध्यवर्ग के लोग अपनी सीमित आय तथा अधिक खर्च के कारण थोड़ी बचत ही कर पाते हैं. ऐसे में यह आवश्यक है कि वे अपनी बचत राशि को सुनियोजित तथा सुरक्षित तरीके से निवेश करें जो वृद्धावस्था में किसी आपातकाल की स्थिति में अथवा किसी और जरूरत के समय उन के काम आ सके. बेहतर तरीके से निवेश के लिए बेहतर प्लानिंग जरूरी होती है.निवेश के कुछ विकल्प निम्न हैं :

एफडी तथा आरडी : यह आम लोगों के बीच निवेश का सब से लोकप्रिय माध्यम है. बैंक या पोस्टऔफिस में कराई जाने वाली टैक्स सेविंग एफडी (फिक्स्ड डिपौजिट) तथा आरडी (रेकरिंग डिपौजिट) से आप निवेश के वक्त सैक्शन 80 सी के तहत टैक्स बचा सकते हैं. यह निवेश का सुरक्षित एवं गारंटीड रिटर्न का विकल्प है. इस पर मिलने वाले ब्याज पर आप को इनकम टैक्स स्लैब के अनुसार टैक्स चुकाना पड़ता है.

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सोना : प्राचीनकाल से भारतीय सोने में निवेश करते रहे हैं. महंगाई के खिलाफ निवेश का अच्छा यह माध्यम है. सोने को चोरी से बचाने के लिए गोल्ड बौंड या गोल्ड ईटीएफ (एक्सचेंज ट्रेडेड फंड) द्वारा भी हम सोने में निवेश कर सकते हैं. गोल्ड ईटीएफ में निवेश तथा भुनाना दोनों ही शेयर बाजार द्वारा होता है. जमीन या मकान खरीदने में रुपया लगाना एक आम तरीका है : निवेश के पहले उस मकान या जमीन के सभी कागजों का अच्छी तरह से निरीक्षण कर लें. इस के लिए बैंक से लोन भी आसानी से मिल जाता है.

रेगुलराइज्ड कालोनी में घर लेने पर, पहले घर पर, प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत छूट भी मिलती है. पूरी तरह विकसित क्षेत्र की जगह सभी सुविधाओं से युक्त डैवलपिंग क्षेत्र में यदि घर या जमीन ली जाए तो बेहतर रिटर्न मिलने की संभावना रहती है. इस के अलावा किराए से आमदनी का विकल्प भी होता है.

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शेयर : इस में रिटर्न की निश्चित गारंटी नहीं होती है. किंतु अन्य विकल्पों की तुलना में लंबी अवधि में रिटर्न देने की क्षमता शेयरों में सब से अधिक होती है. बेहतर जानकारी के साथ सही समय पर अच्छे शेयरों में निवेश करना काफी मुनाफे वाला साबित हो सकता है.

डिबैंचर : यह निश्चित रिटर्न देने वाले ऋ णपत्र होते हैं जिन में 10,000 रुपए का भी निवेश कर सकते हैं. निवेश के पहले इन की क्रैडिट रेटिंग अवश्य देख लेनी चाहिए. इन में बैंक एफडी की तुलना में अधिक ब्याज मिलता है.

म्यूचुअल फंड : ये इक्विटी, हाइब्रिड, डेट आदि विभिन्न प्रकार के होते हैं. एसआईपी (सिस्टमैटिक इन्वैस्टमैंट प्लान) द्वारा इन में लंबे समय के लिए निवेश सुरक्षित माना जाता है. अपनी जोखिम लेने की क्षमता के अनुसार ही म्यूचुअल फंड का चयन करना चाहिए. इस में बेहतर रिटर्न मिलता है. म्यूचुअल फंड को बेच कर आप कभी भी अपना रुपया वापस ले सकते हैं.

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जीवन बीमा : इस में निवेश के साथ आप को लाइफ कवर भी मिलता है. अर्थात, आप के असमय निधन की स्थिति में यह आप के परिवार के लिए वित्तीय मददगार साबित होता है. साथ ही, जीवन बीमा में निवेश की राशि तथा मैच्योरिटी की राशि टैक्सफ्री होती है. ध्यान में रखने की बात यह है कि जो निश्चित राशि आप जीवन बीमा निधि के रूप में जमा कर सकते हैं तथा निकट भविष्य में उस की आवश्यकता नहीं हो, उतनी ही राशि का प्रीमियम रखें क्योंकि इस की सरैंडर वैल्यू काफी कम हो जाती है.

एनपीएस : नैशनल पैंशन स्कीम सरकार समर्थित सब से अच्छा सौल्यूशन है जिस में 18 से 60 साल का व्यक्ति निवेश कर सकता है. इस में 2 तरह के खाते होते हैं. एक में खातों से 60 साल की उम्र तक पैसे नहीं निकाल सकते हैं. दूसरा बचत खाते की तरह काम करता है. आवश्यक होने पर आंशिक निकासी संभव है. हालांकि, 60 वर्ष की उम्र के बाद भी इस में निवेश में बने रह सकते हैं. यह शेयर, एफडी, कौर्पोरेट बौंड फंड तथा सरकारी निवेश का मिलाजुला रूप है. पिछले कुछ वर्षों के दौरान इस ने बहुत अच्छा रिटर्न दिया है.

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पीपीएफ (पब्लिक प्रोविडैंट फंड): जिन लोगों के पास नौकरी या कारोबार का कोई संगठित ढांचा नहीं है, वे लंबी अवधि के सुरक्षित निवेश के लिए इसे चुन सकते हैं. 1.5 लाख रुपए तक के निवेश पर निवेशित राशि, पीपीएफ का ब्याज तथा मैच्योरिटी की रकम टैक्सफ्री है. सरकार समर्थित इस फंड का रिटर्न काफी अच्छा है. इस के लिए खाता बैंक या पोस्टऔफिस में खोला जा सकता है. इस में न्यूनतम15 वर्ष का लौकइन समय होता है. सो, लंबी अवधि के निवेश के लिए ही इस का चयन करें.एक बेहतर निवेशक के रूप में आप के लिए आवश्यक है कि बेहतर योजना के साथ अपनी जरूरतें आमदनी तथा जोखिम उठाने की क्षमता को परख कर ही निवेश करें. अपना निवेश कई जगहों पर विभाजित रखें ताकि आपातकाल की स्थिति में भी आप रुपया निकाल सकें. अपनी मेहनत से कमाए रुपए को भरोसेमंद निवेश विकल्प में ही निवेश करें.

 

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