हम जितनी भी चीजें इंटरनैट पर सर्च करते हैं वे गूगल से सर्च करते हैं. दिलचस्प यह कि इतनी सारी सेवा देने के बावजूद गूगल अपने यूजर्स से एक पैसा भी नहीं लेता, कारण जानते हैं आप, नहीं न? चलिए बताते हैं ऐसा कैसे? सब जानते हैं कि गूगल दुनिया का सब से बड़ा सर्च इंजन है जो बिलकुल फ्री है. इस के माध्यम से हम अपने लगभग सभी सवालों के जवाब, मूवी, गाने, फोटोज आदि को पढ़सुन और डाउनलोड कर सकते हैं, वह भी बिना एक पैसा दिए, बिलकुल मुफ्त में. यही नहीं, गूगल मैप के जरिए मुफ्त जानकारी ले कर हम पूरे भरोसे से कहीं जा सकते हैं.
गूगल न्यूज हर किसी को लगातार अपडेट बनाए रखती है. जी मेल से दुनियाभर में पलभर में कहीं भी कम्युनिकेशन करना जीवन का हिस्सा बन चुका है. अब तो औफिस या प्राइवेट मीटिंग, सब गूगल मीट पर हो रही हैं. इतनी सरल वैश्विक सुविधाएं कोई सरकार देती तो जाने कितना टैक्स भरना होता? तो क्या गूगल कोई चैरिटेबल संस्था है? इस का उत्तर है- बिलकुल नहीं. गूगल दुनिया की बड़ी प्रौफिटअर्निंग कंपनी है. गूगल में नौकरी करना युवाओं का सपना होता है, क्योंकि उस का वेतन तथा कार्यप्रणाली श्रेष्ठ है. विभिन्न देशों की सरकारें समयसमय पर गूगल पर करोड़ों रुपए पेनल्टी के भी लगा चुकी हैं.
फिर सवाल है कि आखिर गूगल पैसा कैसे कमाता है, उस का बिजनैस मौडल क्या है? आंकड़ों के मुताबिक, गूगल की 96 फीसदी कमाई सिर्फ विज्ञापन से होती है. मतलब गूगल की बेहिसाब कमाई गूगल सेवाओं में हमारे देखेअनदेखे, स्किप किए गए विभिन्न विज्ञापनों में छिपी है. वर्ष 2020 में गूगल की कुल कमाई 146.9 बिलियन अमेरिकी डौलर थी जबकि वर्ष 2021 की कुल कमाई 209.5 बिलियन अमेरिकी डौलर रही. गूगल की कमाई के जरिए हर हाथ में दुनियाभर में थामे हुए मोबाइल, लैपटौप, कंप्यूटर और टैबलेट ही हैं. आजकल ज्यादातर फोन एंड्रौयड औपरेटिंग सिस्टम पर आधारित होते हैं. एंड्रौयड गूगल की ही कंपनी बन चुकी है. एप्पल आईफोन आईओएस आधारित हैं, इसलिए उन का ट्रैफिक गूगल सर्च पर लेने के लिए गूगल हर साल बड़ा भुगतान करता है. गूगल प्लेस्टोर का इस्तेमाल फ्री में एप्स को इन्सटौल करने के लिए हर मोबाइल पर किया जाता है. इन एप्स को गूगल प्लेस्टोर में जगह देने के लिए गूगल उन से फीस वसूल करता है. गूगल का एक वैब आधारित एप्लीकेशन एडसैंस है.
इस की सहायता से वैबसाइट, ब्लौग तथा एप ओनर अपनी वैबसाइट पर और ऐप में विज्ञापन दिखा कर पैसा कमाते हैं. वास्तव में यह पैसा गूगल ही कमाता है जिस का एक हिस्सा उन लोगों को दिया जाता है जिन की वैबसाइट और एप का उपयोग गूगल विज्ञापन दिखाने के लिए एडसैंस के माध्यम से करता है. इंटरनैट पर इतनी पौर्न साइट्स की बाढ़ वास्तव में वैब ट्रैफिक को गूगल एडसैंस के जरिए अपनी साइट पर ला कर धन कमाने की होड़ का हिस्सा भी है. गूगल एड्स नाम से एडवर्ड एप्लीकेशन उपलब्ध है. यह भी एक वैब आधारित एप्लीकेशन है. इस की सहायता से आप खुद अपना विज्ञापन बना सकते हैं और उसे गूगल, यूट्यूब पर प्रसारित भी कर सकते हैं.
सरल भाषा में तो जिस तरह के विज्ञापन आप को यूट्यूब और गूगल पर दिखाई देते हैं उसी तरह के विज्ञापन आप भी दिखा सकते हैं. इस के लिए गूगल आप से कुछ पैसे लेता है. गूगल सब से ज्यादा पैसा इसी तरीके से कमाता है. एक रिपोर्ट के अनुसार, इन दिनों हर महीने लगभग 100 करोड़ लोग गूगल मैप का उपयोग करते हैं. गूगल मैप पर आने वाले इन्हीं यूजर्स द्वारा गूगल की खासी कमाई होती है. गूगल मैप में रैस्टोरैंट, होटल, क्लीनिक हौस्पिटल, स्कूल आदि को प्रमोट किया जाता है. आप ने देखा होगा कि जब आप गूगल मैप में किसी जगह को सर्च करते हैं तो उस के आसपास दुकान, स्कूल, हौस्पिटल, रैस्टोरैंट आदि की डिटेल सर्च रिजल्ट में नीचे आ जाती हैं. इन्हें टौप पर लाने के लिए गूगल इन से कुछ पैसे लेता है. गूगल मैप पार्टनरशिप के जरिए भी गूगल को बड़ी आय होती है. आप ने भी औनलाइन खाना या सामान मंगवाया ही होगा, स्विगी, जोमैटो, ऊबर, ओला आदि करैंट लोकेशन का उपयोग करते हैं और यह जानकारी गूगल इन के साथ सा?ा करने के लिए इन से पैसे लेता है जोकि गूगल मैप की कमाई का जरिया है. कम लोग ही जानते हैं कि गूगल वास्तव में अल्फाबेट इंक की सहायक कंपनी है और हैरान करने वाली बात यह है कि वित्तीय वर्ष 2021 में केवल गूगल विज्ञापन से अल्फाबेट को उस के कुल राजस्व का 82 फीसदी मिला था. उपयोगकर्ताओं की वृद्धि के साथसाथ हर महीने गूगल की कमाई बढ़ रही है. यही नहीं, इस में और वृद्धि होने का अनुमान भी है.
लेखक-विवेक रंजन श्रीवास्तव