लौकडाउन के चलते औनलाइन मीटिंग्स का चलन अब दिनोंदिन बढ़ता जा रहा है. पिछले कई महीनों से जहां अधिकतर काम वीडियो कौन्फ्रैंसिंग के जरीए हो रहे हैं, वहीं   कंपनियों की मीटिंग्स से ले कर पेरैंट्सटीचर मीटिंग्स, किटी पार्टियां और तो और कवि गोष्ठियां तक औनलाइन हो रही हैं.

हर किसी के लिए यह एक नया और रोमांचक अनुभव है, जिसे जूम ऐप ने और सहूलत वाला बना दिया है.

सर्वे  के अनुसार जूम ऐप अब तक 10 करोड़ से भी ज्यादा बार डाउनलोड किया जा चुका है और यह आंकड़ा लगातार बढ़ता ही जा रहा है. कामकाजी युवतियों को तो आएदिन ऐसी मीटिंग्स में शामिल होना पड़ता है.

पिछले 4 अप्रैल से ले कर अब तक कोई दर्जनभर मीटिंग्स में शिरकत कर चुकीं साक्षी पुणे में एक मल्टीनैशनल कंपनी में कार्यरत हैं. लौकडाउन के बाद वे अपने घर भोपाल आ गई थीं और तब से लगातार घर से काम कर रही हैं, जिसे वर्क फ्रौम होम कहा जाता है.

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साक्षी कहती हैं कि उन्हें हर मीटिंग में एक नई अटपटी बात नजर आई .  उन की टीम के मैंबर देशभर में हैं जिन में से कई ने अपेक्षित शिष्टाचार का पालन नहीं किया, जिससे मजाक भी बना और स्थितियां भी असहज हो गईं.

तो फिर आइए, जानते हैं वे खास ऐटिकेट्स जो औनलाइन मीटिंग्स में हर किसी के लिए जरूरी हैं :

बैठने की जगह और सलीका

आमतौर पर मीटिंग की सूचना एक दिन या कुछ घंटे पहले दी जाती है, इसलिए आप के पास तैयारियों के लिए पर्याप्त समय होता है. इसलिए यह जरूरी है कि आप सब से पहले घर में बैठने की जगह का चुनाव करें.

अगर आप का अपना अलग कोई कमरा नहीं है तो थोड़ी दिक्कत आ सकती है. मीटिंग कई बार देर तक भी चल सकती है इसलिए घर में  एकांत जगह चुनें और घर वालों को मीटिंग के बारे में बता दें, जिस से कोई व्यवधान पैदा न हो.

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मीटिंग मोबाइल से अटैंट कर रही हों या लैपटाप के जरीए, बैठने के लिए प्राथमिकता टेबलकुरसी को दें, ठीक वैसे ही जैसे औफिस के कौन्फ्रैंस हौल में होती है.

अगर आप के घर में टेबलकुरसी न हों तो बिस्तर या सोफे का इस्तेमाल किया जा सकता है लेकिन इस के लिए कैमरा ऐसे सेट करें कि बिस्तर और कमरा कम से कम नजर आएं.

कैमरा सेट करने के बाद बैकग्राउंड चेक करें. अगर इस में लाफ्ट या गैरजरूरी सामान नजर आ रहे हों तो उसे हटा लें या फिर परदे से ढंक दें.

बैठें भी ठीक वैसे ही जैसे औफिस में बैठते हैं. जमीन में पालथी मार कर, लेट कर या फिर अधलेटी मुद्रा में मीटिंग अटैंड न करें. यह एक फूहड़ तरीका है.

 

 ड्रैसिंग सैंस

‘घर में हूं इसलिए कुछ भी पहन लूं चलेगा’ इस सोच को दिमाग से निकाल दें, क्योंकि औनलाइन मीटिंग में भी लोग यानी सहकर्मी, जूनियर्स, सीनियर्स और बौस वगैरह आप को गौर से देखते हैं और सलीके के पहनावे की भी स्वभाविक उम्मीद करते हैं.

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नाइटड्रैस, गाउन, तंग टीशर्ट या मैक्सी पहन कर मीटिंग में शामिल होंगी तो आप को कुछ और मिले न मिले फूहड़ और गंवार होने का सर्टिफिकेट जरूर मिल जाएगा.

साक्षी एक ऐसा ही वाकेआ बताती हुई कहती हैं कि उन की कंपनी की पहली मीटिंग में ऐसा हुआ था जब उस की टीमलीडर ही स्लीवलैस गाउन में बैठ गई थी. यह सभी के लिए काफी असहज स्थिति थी. बाद में किसी ने टीमलीडर को टोका होगा या खुद उन्हें समझ आया होगा. जो भी हो इसलिए वे अगली मीटिंग में सलीके से कपड़े पहन कर नजर आईं.

औनलाइन मीटिंग में ड्रैसिंग सैंस काफी माने रखता है इसलिए कैजुअल ड्रैस पहनें जिस का साफसुथरा और प्रैस होना भी जरूरी है. ऐसी मीटिंग्स के लिए सलवारसूट एक बेहतर विकल्प है जिस पर मैचिंग की चुनरी काफी फबेगी. ड्रैस का रंग पर्सनैलिटी के हिसाब से चुना जा सकता है हालांकि सफेद ड्रैस कैमरे में ज्यादा आकर्षक दिखती है.

 मेकअप

औनलाइन मीटिंग्स को मैरिज या किसी अन्य तरह की पार्टी न समझें कि खूब सा और डार्क मेकअप जरूरी हो. यहां हलका मेकअप ज्यादा प्रभावी साबित होता है. चेहरे को साफ कर लें और यकीन मानें हलके शैड का लिपस्टिक लगाने भर से आप आकर्षक दिखेंगी. डार्क लिपस्टिक ऐसे समय भद्दा लगता है.

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चूंकि लौकडाउन के चलते ब्यूटीशियन के यहां नहीं जाया सकता इसलिए जरूरत हो तो आईब्रोज खुद बनाएं या घर में किसी से बनवा लें. मीटिंग शुरू होने के पहले एक बार खुद को आईने में देख कर तसल्ली कर लें कि कहीं कुछ अटपटा तो नहीं लग रहा? अगर लगे तो उसे ठीक कर लें. ज्वैलरी पहनना बहुत जरूरी नहीं है.

हेयरस्टाइल भी समान्य ही रखें. खुले बाल बैठना या बालों में बैंड लगा कर बैठना भी उचित नहीं होगा.

 बौडी लैंग्वैज

औनलाइन मीटिंग में आत्मविश्वास का होना बेहद जरूरी होता है और यह अकसर आप की बौडी लैंग्वैज से भी प्रदर्शित होता है. खुद को सहज दिखाने की कोशिश में असहज हरकत न करें, जैसे बारबार कान खुजाना, बालों पर हाथ फेरना, नाक में उंगली डालना, आंखें मिचमिचाना, नजरें  इधरउधर घुमाना या फिर नजरें झुका कर मीटिंग अटैंड करना आदि. आंखें यथासंभव कैमरे पर ही टिकी होनी चाहिए.

 संभल कर बोलें

मीटिंग की शुरुआत में औपचारिक हायहैलो के बाद मुख्य वक्ता की बात गौर से सुनें जो अकसर आप का अधिकारी या बौस होता है. वह मीटिंग की भूमिका और ऐजैंडा दोनों बताता है. जैसेजैसे मीटिंग आगे बढ़ती है वैसेवैसे बोलने के या कुछ बताने के मौके भी आते हैं लेकिन मुख्य वक्ता को बीच में न टोकें. कुछ कहना हो तो हाथ उठा दें, वह अपनी बात खत्म कर आप को बोलने का मौका देगा.

औनलाइन मीटिंग में बोलना काफी अहम होता है. साक्षी बताती हैं कि कुछ भी बोल कर हाजिरी दर्ज करानी है सिर्फ इसलिए न बोलें. बोलना तभी प्रभावी होता है जब आप को बोलने के लिए कहा जाए या बात आप के कार्य से संबंधित हो रही हो.

जिस विषय पर भी मीटिंग या बातचीत हो रही हो उस का पूरा होमवर्क पहले ही तैयार कर लें. बौस या सीनियर आप के कार्य से संबंधित सवाल कभी भी पूछ सकते हैं या कोई जानकारी मांग सकते हैं. आप का सटीक और सही जबाब आप की स्मार्टनैस ही सिद्ध करेगा.

अगर किसी सवाल का जबाब नहीं मालूम है या आप के पास पूरी जानकारी नहीं है तो विनम्रतापूर्वक सौरी कह दें लेकिन अस्पष्ट, अधूरे और गलत जबाब आप की इमैज बिगाड़ सकती हैं. गोलमोल जबाब तो कतई न दें.

औन लाइन मीटिंग में भी कई बार बहुत से लोगों का एकसाथ बोलना स्वभाविक बात है. कई बार किसी बात को ले कर आपस में बहस भी छिड़ जाती है.

ऐसे में आप को संभल कर पेश आने की जरूरत है. मसलन :

  • जब कोई और बोल रहा हो तो बीच में टोकें नहीं.
  • अगर कोई आप की बात को काटे तो उत्तेजित न हों और आवेश में न आएं. अपनी बात शांति से कहें. तेज बोलना अकसर जरूरी नहीं होता. यह हमेशा याद रखें कि यह कोई टीवी डिबेट नहीं है.

 

  • किसी भी सहकर्मी से इशारों में बात न करें न ही इशारा करें क्योंकि औनलाइन मीटिंग में सभी लगातार एकदूसरे को ही देख रहे होते हैं.

 

  • किसी पर भी व्यक्तिगत आरोप न लगाएं और कोई अगर आप पर आरोप लगाए तो उसे नजरंदाज करें और यह याद रखें कि बौस नाम का जीव यों ही बौस नहीं होता. उस की चौकस नजरें सभी के क्रियाकलापों पर होती हैं.

कोई भी सुझाव अपने स्वार्थ, जिद या सहूलत के लिए न दें.

 

  • औनलाइन मीटिंग में सैलरी, भत्तों और छुट्टियों वगैरह की बात न करें, क्योंकि ये मीटिंग्स एक खास मकसद से बुलाई जाती हैं, इसलिए सिर्फ काम की ही बात करें.

 

  • किसी को अपमानित करने की कोशिश कभी भी न करें.

 

ये कुछ बातें औनलाइन मीटिंग में आप के लिए काफी मददगार साबित होंगी, जो दरअसल मीटिंग में खुद को पेश करने का सही सलीका है.

 

औनलाइन मीटिंग अभी शुरुआती दौर में है, इसलिए काफी कुछ इन में ऐसा हो जाता है जो नहीं होना चाहिए. मगर कोशिश यही करें कि आप से कोई गलती न हो.

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