महिला अधिकार के नाम पर परिवार को प्रभावित करने वाले ऐसे कानून बन गए हैं जिन से दांपत्य जीवन खतरे में पड़ गया है. ऐसे में तमाम लोगोें के लिए पत्नी से छुटकारा पाने के वास्ते तलाक लेना या उसे छोड़ देना व्यावहारिक नहीं रह गया है. अपराधी प्रवृत्ति के लोग अब हत्या जैसे आपराधिक काम करने लगे हैं.

सुल्तानपुर जिले के हलियापुर गांव की रहने वाली मधु तिवारी न शिव प्रसाद के साथ प्रेमविवाह किया था. समय के साथ शिव प्रसाद और मधु तिवारी के बीच संबंध मधुर नहीं रह गए. दोनों के बीच रोज ही कहासुनी होने लगी. यह बात शिव प्रसाद ने अपने दोस्तों सचिन और अरविंद को बताई.

सचिन और अरविंद के साथ मिल कर शिव प्रसाद ने बहुत विचार किया कि पत्नी मधु से वह कैसे छुटकारा पाए. तलाक लेने पर भी विचार किया. फिर यह समझ आया कि तलाक लेना सरल काम नहीं है. सालों कोर्ट में धक्के खाने होंगे. इस के बाद भी गुजारा भत्ता देना होगा. पत्नी को छोड़ कर भाग गए तो वह तमाम तरह के मुकदमे दायर कर देगी जिन में उन को जेल तक जाना पड़ सकता है. इस के अलावा, काफी पैसा भी खर्च होगा. तब, शिव प्रसाद ने सोचा कि पत्नी को तलाक देने और छोड़ देने से अच्छा है कि उस की हत्या कर दी जाए.

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पत्नी की हत्या का खयाल आते ही तीनों दोस्तों ने मिल कर मधु की हत्या की साजिश रची. शिव प्रसाद पत्नी मधु को प्लौट दिखाने के बहाने रायबरेली जिले के लालगंज स्थित रेल कारखाना के पास ले गया. वहां उस के दोनों साथी भी आ गए. तीनों ने मिल कर मधु का गला दबा दिया. गला दबाने के बाद भी जब वह नहीं मरी तो गला काट कर उस की हत्या कर दी. इस के बाद वहां झाडियों में शव छिपा कर तीनों भाग गए.

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