जवानी आने की निशानी माने जाने वाले कीलमुंहासे एक ऐसी बला हैं, जिन्हें कोई भी लड़का या लड़की अपने चेहरे पर नहीं देखना चाहता. इस का ठीकठाक और सटीक इलाज शायद हकीम लुकमान के पास भी नहीं रहा होगा.
कीलमुंहासे क्यों होते हैं, इस की कई वजहें गिनाई जा सकती हैं. मसलन, हार्मोनों में बदलाव, हाजमा खराब होना, तैलीय चमड़ी होना, ज्यादा चिकनाई वाली चीजें खाना वगैरह.
कीलमुंहासे आमतौर पर 16 साल की उम्र से अपना रंग चेहरे पर दिखाने लगते हैं. इस से चेहरा न केवल भद्दा दिखता है बल्कि जिस के चेहरे पर ये जडें़ जमा लेते हैं उस का काफीकुछ छीन लेते हैं.
यह मुमकिन है कि लमुंहासों से अब छुटकारा पाया जा सकता है. इस के लिए बाजार में मिलने वाली क्रीमों के इस्तेमाल के अलावा खुद की कुछ आदतें बदलना भी जरूरी हैं, मसलन:
* ज्यादा से ज्यादा पानी पीएं.
* चेहरे को 3-4 बार किसी अच्छे फेसवाश से साफ करें.
* पेट साफ रखें और कब्ज से बचें.
* कीलमुंहासों को फोड़ें नहीं और न ही उन्हें रगड़ें.
* ज्यादा तेल वाली चीजें न खाएं.
* चेहरे को दिन में एक बार उबटन से साफ करें. यह उबटन घर में ही बनाया जा सकता है. मलाई, बेसन, हलदी और नीबू के रस से एक चम्मच लेप बनाएं और उसे चेहरे पर लगा कर कुछ देर बाद धो लें.
* खाना और नींद वक्त पर लें और देर रात तक नहीं जागे.
* सिगरेट, तंबाकू और शराब का सेवन न करें.
इन कुछ उपायों से कीलमुंहासों की समस्या काफी हद तक हल होती है जिसे पूरी तरह खत्म करने के लिए किसी अच्छी कंपनी की क्रीम इस्तेमाल करें.
कीलमुंहासे ठीक हो जाने पर उन की तरफ से लापरवाह नहीं हो जाना चाहिए क्योंकि एक बार ठीक होने के बाद वे दोबारा भी हो सकते हैं.
कुछ माहिरों का तो यह मानना है कि कीलमुंहासों की एक बड़ी वजह खून की खराबी होती है जिसे नीम की गोलियों से काबू किया जा सकता है इसलिए 2-3 महीने तक नियमित नीम की गोलियां खाना नुकसान की बात नहीं क्योंकि नीम से किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचता है.