कभी कभी ऐसा होता है कि हम कहीं जाते हैं और किसी से मिलते हैं तो उनसे हुई बातचीत हम बहुत प्रभावित करती है और लंबे समय तक उसे याद रखते हैं. बातचीत करते समय शब्दों  के साथ साथ शरीर के हाव भाव दोनों पर ही ध्यान देना होता है.

आइए बातचीत करने के कुछ खास तरिकों के बारे में यहां जानते हैं –

1. ज्यादा निंदा /आलोचना से बचें – किसी की कमी बताना और सुधारना अच्छी बात है लेकिन एक ही बात को बार बार न कहें. अगर कोई वाकई सुधरना चाहता है और आपकी बात को ध्यान से सुन रहा है तो खुद में सुधार अवश्य लाएगा.  दो तीन कहने पर भी आपको कोई अन्तर नहीं दिखता तो उसे उसके हालत पर छोड़ देना चाहिए, चाहे घर हो या औफिस..

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2.  प्रशंसा सबके बीच में करें मगर आलोचना अकेले में – अगर किसी की तारीफ करनी है तो सबके सामने करें. इससे उस व्यक्ति में आत्मविश्वास भी बढ़ेगा. लेकिन जब उसे किसी बात पर टोकना हो तो अकेले में बुलाकर बोले. भले ही आप औफिस में बौस क्यों न हो. कई बार सामने की डांट इतनी चुभ जाती है कि लोग सालों साल नहीं भूल पाते हैं और कहीं कहीं कलीग भी मजाक बनाते हैं.  इसलिए इस बात का हमेशा ध्यान रखें.

3. बात करते समय सकारात्मक रहें – औफिस हो या घर, जब भी किसी इशू /समस्या पर डिस्कशन चल रहा है तो समस्या और उसकी वजह पर बात करते समय सकारात्मक रहे और समस्या के निदान पर जरूर चर्चा करें. आप की सकारात्मकता दूसरों को भी प्रेरणा देगी और जल्दी ही समस्या से भी मुक्ति मिल जाएगी.

4. बौडी लैंग्वेज पर ध्यान दें– बोलते समय हाव भाव और बौडी लैंग्वेज, आई कानटेक्ट का ध्यान रखे. जब आप किसी से बात कर रहे हैं तो उस समय आपके हावभाव ठीक होने चाहिए. साथ ही आई कानटेक्ट भी होना चाहिए ताकि सामने वाले को भी लगे कि आप उन्हें जानने, समझने में interested है और साथ ही आपका भी अच्छा इम्पैक्ट उस पर जाता है.

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5. बातचीत ध्यान सुने –  जब भी कोई आपसे कुछ कह रहा हैं तो उसे ध्यान से सुने, इससे न केवल आप अच्छे listener साबित होंगे बल्कि आपको कुछ न कुछ नया जानने को मिलता रहेगा और हमेशा गुड स्पीकर बनने के लिए गुड Listener होना जरूरी होता है.

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