गर्भावस्था के समय महिलाओं को चेतावनी दी जाती है कि वो धूम्रपान से दूर रहें. इस दौरान उनके खानपान का सीधा असर गर्भ में पल रहे बच्चे पर होता है. ऐसे में खानपान को ले कर उन्हें ज्यादा सचेत रहने की जरूरत रहती है. लेकिन निकोटीन से पुरुषों के संपर्क में आने से भी बच्चों पर नकारात्मक प्रभाव होता है. इस बात की पुष्टि एक अध्ययन में हुई है.
बता दें कि हाल में हुए एक अध्ययन में ये बात सामने आई कि निकोटीन लेने के बाद पिता भले ही समान्य व्यव्हार करें, लेकिन बेटे और बेटियों पर इसका नकारात्मक असर होता है. इसके कारण हाइपरएक्टिविटी, अटेंशन डेफिसिट और कौगनिटिव इनफ्लेक्सिविटी जैसी संज्ञानात्मक गड़बड़ियां हो सकती हैं.
आम तौर पर डाक्टर पुरुषों को चेतावनी नहीं देते हैं कि उनके धूम्रपान करने से बच्चों को भी परेशानी हो सकती है. यह नुकसान तब भी हो सकता है जब मां धूम्रपान ना करती हों.
आंकड़ों की माने तो आज की पीढ़ी के बच्चों और बड़ों में जो संज्ञानात्मक बीमारियां पाई जाती हैं, उनका कारण एक-दो पीढ़ी पहले निकोटीन का अत्यधिक संपर्क हो सकता है.
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