कृति की मां संगीता अपनी बेटी को अच्छी परवरिश देने के लिए चिंतित रहती हैं. उस की हर छोटीबड़ी जरूरतों का पूरा खयाल रखती हैं लेकिन फिर भी कृति और संगीता के बीच सहजता नहीं बन पा रही थी. संगीता की तरह ऐसी कई मांएं हैं
जो अपने लाड़ले या लाड़ली के साथ सामंजस्य स्थापित करने के लिए काफी प्रयास करती हैं पर फिर भी अच्छा मैत्री संबंध बन नहीं पाता. ज्यादातर मामलों में मां का शक्की बरताव, एकदूसरे को न समझ पाने में असमर्थता जैसे कारण पाए जाते हैं.
मुंबई के माइंड मंत्रा के संस्थापक डा. हेमंत मित्तल इस बारे में कहते हैं कि ज्यादातर दंपती अपने बच्चों पर विश्वास होने का दावा तो करते हैं पर मन ही मन उन के भीतर डर बना रहता है, जो स्वाभाविक भी है. लेकिन इस डर को दूर करने के लिए आप क्या करते हैं और किस तरह बच्चों के सामने प्रतिक्रिया देते हैं, उस पर आप का और आप के बच्चे के बीच के रिश्ते का भविष्य टिका होता है.
हर मां के भीतर अपने बच्चे को ले कर असुरक्षा की भावना रहती है. नतीजतन, वह उस की नईनई मांगों पर सीमा से अधिक प्रतिक्रिया दे देती है. स्कूल में पैरेंट्स मीट के दिन उन के स्कूल जाती है और अपनी जासूसी शुरू कर देती है.
बेटी के बौयफ्रैंड को और बेटे की गर्लफ्रैंड को तिरछी निगाहों से देखना, टीचर के शिकायत करने पर सभी दोस्तों के सामने बच्चे को डांट देना, उन के मित्रों पर ऊटपटांग की टीकाटिप्पणी करना, सभी के सामने उन की बुरी आदतों को बतलाना आदि बच्चों को बिलकुल भी नहीं भाता. और यही एक बड़ा कारण बन जाता है बच्चे व आप के बीच दूरियों का.