2 बेटियों की मां 44 वर्षीय मोनिका ओसवाल ने 2004 में कार्यकारी निदेशक के रूप में मोंटे कार्लो कंपनी का कार्यभार संभाला. यह उन की रचनात्मकता और हट कर सोचने की क्षमता ही थी जिस की बदौलत मोंटे कार्लो एक सफल फैशन ब्रैंड बनकर उभरा. व्यवसायी होने के साथसाथ मोनिका कवि और कलाकार भी हैं. जल्द ही मोनिका की कविताओं का संग्रह आने की उम्मीद है.
मोनिका अपने काम में इसलिए सफल हैं क्योंकि इन्होंने कपड़ों की क्वालिटी और ग्राहकों की संतुष्टि को अपनी कंपनी का मोटो बनाया है. आइए जानते हैं कि वे कैसे कंपनी के साथ अपनी बेटियों के सुखद भविष्य की भी योजनाएं बनाती हैं:
फैशन इंडस्ट्री में आने की प्रेरणा कैसे मिली?
फैशन आत्म अभिव्यक्ति से संबंधित है. वस्त्रों का रंग और स्टाइल आकर्षक हो तो उन्हें पहनने वाले का व्यक्तित्व भी निखर उठता है. खुद की अभिव्यक्ति को पूर्ण करने की इच्छा ने ही मुझे इस इंडस्ट्री में प्रवेश करने को प्रेरित किया.
आप की नजर में बैस्ट मौम बनने के लिए क्या जरूरी है और पति की तरफ से कितनी सपोर्ट मिलती है?
बैस्ट मौम जैसा कोईर् टैग वास्तव में है ही नहीं. एक मां हमेशा अपनी मां, परिस्थितियों व अनुभवों से सीखती रहती है. अगर आप का बच्चा आप से एक मां के रूप में, एक बहन के रूप में, एक भाई या फिर एक अभिभावक के रूप में बात करने की इच्छा रखता है, तब आप को यह पता होना चाहिए कि उस से कैसे बात करनी है, उसे कैसे समझाना है. हां, जहां तक पति के सहयोग का सवाल है, तो उन का सहयोग मुझे हमेशा मिला है.