इशिता और अरुण की कहानी पढ़कर यह जानना आसान होगा कि आप   इमोशनल डंपिंग के शिकार तो नहीं   

इशिता को डेट करते हुए अरुण को 6 महीने ही हुए हैं मगर इशिता अरुण की इमोशनल बातों से अब बोर होने लगी है और उस से ब्रेकअप करना चाहती है, मगर वह अरुण की अच्छाइयों के कारण फैसला नहीं ले पा रही है.

 

अरुण को जब कालेज के थर्ड ईयर में इशिता पर क्रश हुआ तो धीरेधीरे दोनों ही एकदूसरे को पसंद करने लगे. फिर कालेज के बाहर मिलने का सिलसिला भी शुरू हो गया. अरुण काफी संवेदनशील और चुप सा रहने वाला लड़का था. वह क्लास में भी किसी से ज्यादा बोलता नहीं था. लड़कियों से तो खास दूरी बना कर रहता था. कालेज की कैंटीन में लड़कों के हुजूम के साथ भी हल्लागुल्ला मचाता कभी नजर नहीं आया. खाली पीरियड में कालेज के पीछे वाले बाग़ में घूमता था. अकेला और अपने में खोयाखोया. क्लास में वह चोर नजर से इशिता को बीचबीच में निहारता था. एक दिन इशिता ने उस की यह चोरी पकड़ ली तो वह झेंप गया और इशिता को उस का यही रूप भा गया.

बातचीत शुरू हुईं. फिर दोस्ती और उस के बाद प्यार भी हो गया. अरुण इशिता से अपने घर परिवार की बातें बताते हुए बहुत इमोशनल हो जाता था. अपनी बड़ी बहन की बात करते हुए तो उस के आंसू तक निकल आते थे. वह बड़ी बहन से बहुत अटैच्ड था, जिन को उस के ससुराल वालों ने दहेज के लिए मार डाला था. तब अरुण सिर्फ 17 साल का था. बहन की बेटी तब सिर्फ डेढ़ साल की थी. अब वह अरुण के परिवार के साथ ही रहती है. उस से अरुण का असीम प्रेम है. उस की ढेर सारी बातें अरुण इशिता को बताता है. उस के अलावा अपनी छोटी बहन, छोटे भाई और मातापिता के दुखदर्द की बातें भी अरुण के पिटारे में ढेरों हैं.

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