देश के युवावर्ग पर बौलीवुड का असर हमेशा से है, इस में दो राय नहीं. युवावर्ग में युवक हो या युवती, दोनों ही हीरोहीरोइन के पहनावे को अपनाते रहे हैं.  इसी क्रम में फिल्मी अभिनेत्रियों के जेवरों को भी युवतियां अपनाती रही हैं. यहां तक कि युवतियों के परिवार के पुरुषमहिला दोनों सदस्य फिल्मी फैशन अपनाने को अपने घरों की युवतियोंमहिलाओं को प्रोत्साहित करते भी रहते हैं.  हालांकि, युवतियां खुद भी इस में पीछे नहीं हैं.

फिल्म इंडस्ट्री की हालिया चर्चित शादी (रणवीर-दीपिका) की तस्वीरें सोशल मीडिया पर जल्दी अपलोड नहीं हुईं तो उन की एक फौलोअर संगीता काफी बेचैन हो गईं. मेडिकल व्यवसाय से जुड़ी संगीता जानना चाहती थी कि उस की फेवरिट अदाकारा ने जिन्दगी के सब से खास अवसर पर कौन से जेवर पहने हैं.

नवदम्पती ने अपनी शादी की तस्वीरें अपलोड कीं तो संगीता की नजर सब से पहले नई दुलहन की ज्वेलरी पर गई. संगीता कहती है, ‘दीपिका पादुकोण ने सब्यसाची हेरिटेज ज्वेलरी कलेक्शन की शानदार ज्वेलरी पहन रखी थी. हालांकि, मेरी नजरें उन के मंगलसूत्र पर ठहरीं. वह सिंपल था, लेकिन लाजवाब था.  उस के बीच में एक मौडर्न नग जड़ा था. उस की कीमत 18-20 लाख रुपए तो रही होगी.’  संगीता की उम्र 36 साल है, उस की शादी 4 साल पहले हुई थी.

युवतियों या महिलाओं, जो भी कह लें, में संगीता अकेली ऐसी नहीं है. ज्यादातर महिलाएं अब अपने मातापिता या पति की मरजी से नहीं, बल्कि अपनी पसंद की ज्वेलरी खरीद रही हैं.

दुनिया के जानेमाने डी बीयर्स ग्रुप की डायमंड माइनिंग कंपनी डायमंड ब्रैंड फौरएवरमार्क के प्रेसिडेंट सचिन जैन कहते हैं, ‘महिलाओं को पहले उन के जीवनसाथी डायमंड गिफ्ट में देते थे. आज महिलाएं अपनी खुशी, इन्वेस्टमेंट के तौर पर या फिर बोनस खर्च करने के लिए गहने खरीद रही हैं.’  यह हकीकत है कि आज काफी महिलाएं आर्थिक मामले में फिट हैं यानी वे खुद खासा पैसा कमा रही हैं. वहीं, अपनी पसंद की ज्वेलरी खरीदने वाली वैसी महिलाएं भी हैं जिन का पारिवारिक संपत्ति में पूरा दखल है.

दिलचस्प यह है कि युवाओं के चलते देश में डायमंड की मांग बढ़ रही है. डी बीयर्स की हालिया रिपोर्ट से पता चलता है कि युवा और जेनरेशन जेड (मिड-1990 से ले कर 2000 के शुरूआती दौर में जन्में लोग) का 2017 की कुल ग्लोबल डायमंड बिक्री में दोतिहाई हिस्सा था. इस के चलते डायमंड की बिक्री 82 अरब डौलर के नए रिकार्ड पर पहुंच गई थी.

ज्वेलरी स्टोर चेन ओआरआरए के एक सीनियर एग्जीक्यूटिव कहते हैं कि शादियां भी अब डायमंड ज्वेलरी के लिए बड़ा प्लेटफार्म बन रही हैं. परिवार के करीबी रिश्तेदार एक ही डिजाईन व एक ही धातु की ज्वेलरी को दोहराना पसंद नहीं करते हैं. इस के चलते भी डायमंड ज्वेलरी का कारोबार काफी फलफूल रहा है.

डायमंड प्रोड्यूसर्स एसोसिएशन (डीपीए) के लिए भारत काफी अहम मार्केट बन गया है. डीपीए दुनिया की दिग्गज डायमंड माइनिंग कंपनियों का इंटरनेशनल अलायन्स है. इस में एएलआरआरए, डी बीयर्स, डोमिनियन डायमंड कोर्प, जेम डायमंड्स, लुकारा डायमंड कोर्प, पेट्रा डायमंड्स, आरजेड मुरोवा होल्डिंग्स और रियो टिंटो डायमंड्स जैसी कम्पनियां शामिल हैं.

डीपीए का कहना है, ‘अगर पारंपरिक रूप से देखा जाए तो हीरे के गहने शादी, जन्मदिन और एनिवर्सरी जैसे खास मौकों पर पहने जाते हैं. हालांकि, अब लोगों की अहमियत और प्राथमिकताएं बदल रही हैं, जिन्दगी को ले कर नजरिया अब व्यापक हो गया है. लोगों ने अब खास मौकों की परिभाषा को जरुरत के हिसाब से बदल लिया है.

दरअसल, आधुनिक पीढ़ी जिन्दगी के हर पल को सेलिब्रेट करना चाहती है. अब छोटीछोटी खुशियों में डायमंड ज्वेलरी बड़ी भूमिका निभाने लगी है. भारत में जेम और ज्वेलरी उद्योग का आकार तकरीबन 35 अरब डौलर का है, जिस में डायमंड ज्वेलरी की भागीदारी तकरीबन 16 फीसदी है.

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