आभूषण की दमक के बगैर दुलहन का श्रृंगार अधूरा रहता है. भावी दुलहनें अभी से ज्वैलरी शौपिंग का प्लान बनाने लगी होंगी. इस बार ब्राइडल ज्वैलरी खरीदने से पहले इन अनूठे आभूषणों पर भी गौर करें:

निजामी झूमर

नवाबों के खानदान में बड़े चाव से पहना जाने वाला गहना है निजामी झूमर, जिसे मांगटीके की ही तरह माथे के कोने में पहना जाता है. वैसे तो झूमरों की कई डिजाइनें इन दिनों चलन में हैं, लेकिन सब से खूबसूरत होती है निजामी डिजाइन, जिस के बारीक काम को देख कर कोई भी दुलहन इस पर रीझ जाएगी. इस का नवाबी लुक उस के श्रृंगार को और भी उभारेगा.

गढ़वाली नथ

भारत में गढ़वाली महिलाओं की खूबसूरती की चर्चा हमेशा रहती है. उन की इसी खूबसूरती में चार चांद लगाती हैं परंपरागत नथ, जिस की खूबसूरती के सामने सब कुछ फीका लगने लगता है. आजकल गढ़वाली महिलाओं के अलावा यह नथ देश के बाकी स्थानों में भी महिलाएं पहनने लगी हैं. यदि दुलहन अपने सलोने चेहरे को एक नई आभा से सजाना चाहती है, तो गढ़वाली नथ उस के लिए सब से सुंदर गहना है.

बीड ज्वैलरी

अगर आप ट्रैडिशनल लुक से बोर हो चुकी हैं और शादी पर अपने लुक में मौडर्न का तड़का देना चाहती हैं, तो आप को बीड ज्वैलरी जरूर पहननी चाहिए. इस में सोने की लड़ों को एकसाथ जोड़ कर मौडर्न लुक के साथ पेश किया जाता है. इसे पहनने के बाद आप को इंडोवैस्टर्न लुक मिलता है.

खमेर ज्वैलरी

खमेर कंबोडिया की परंपरागत डिजाइन के रूप में जानी जाती है. इसे खमेर प्रदेश की महिलाएं बड़े प्रेम से पहनती हैं. इन दिनों खमेर ज्वैलरी का भारत में भी चलन है. यदि दुलहन अपनी परंपरागत पोशाक के साथ खमेर ज्वैलरी पहने, तो उस की खूबसूरती में चार चांद लग जाएंगे. खासतौर पर इस ज्वैलरी के कड़े दुलहनों के बीच बहुत प्रचलित हैं.

हसली नैकलैस

परंपरागत और पुराने समय की ज्वैलरी की याद दिलाते हसली नैकलैस इन दिनों मौडर्न टच के साथ पेश किए जा रहे हैं. यह राजस्थानी ज्वैलरी का एक प्रकार है, जिस में हसली या चांद के आकार के साथ नैकलैस बनाए जाते हैं, जो पहनने पर गरदन की गोलाई को खूबसूरती से उभारने का काम करते हैं. वैस्टर्न ज्वैलरी में भी इस डिजाइन का चलन है, लेकिन भारतीय पोशाक के साथ इस के ट्रैडिशनल रूप को बेहद पसंद किया जाता है.

घुंगरू लंबानी पायल

लंबानी पायल एक ऐसी ज्वैलरी है, जो दुलहन के पांवों की खूबसूरती को तिगुनी कर सकती है. इस में मोती के आकार के छोटेछोटे घुंघरू लगाए जाते हैं, जिन की मोटी परत पैरों को भव्यता के साथ उभारने में मदद करती है. रौयल लुक पाने के लिए होने वाली दुलहन को यह पायल जरूर पहननी चाहिए.

उबिका माथापट्टी

माथापट्टी का नाम लेते ही दुलहन के जेहन में दक्षिण भारतीय गहनों की डिजाइन आती है. लेकिन इस तरह की माथापट्टी आजकल उत्तर भारतीय शादियों में भी दुलहन पहनना पसंद करती है. इसे परंपरागत रूप न दे कर मीनाकारी और कुंदनकारी के काम से सजाया जाने लगा है, जिस से इसे एक रौयल लुक मिलता है. यह माथे पर एक ताज की तरह होती है, जिस से दुलहन की खूबसूरती को पूरे चांद की गरिमा मिल जाती है.

शादी के बाद समारोह के लिए पहनें ऐसे गहनें

अकसर यह देखा जाता है कि शादी के बाद दुलहन को गहनों से लाद दिया जाता है, जिस की वजह से उस का लुक बिगड़ जाता है. अत: उसे हमेशा ध्यान रखना चाहिए कि यदि वह भारी साड़ी पहन रही है, तो उसे हैवी ज्वैलरी सैट नहीं पहनना चाहिए. यदि बनारसी साड़ी पहन रही हो, तो उस के साथ जड़ाऊ झुमके भी अच्छे लगेंगे. इस के अलावा बहुत सारी चूडि़यों की जगह जड़ाऊ कड़ों की जोड़ी या सतलड़ी माला की जगह जड़ाऊ चोकर या टैंपल ज्वैलरी भी पहन सकती है.

कम बजट में ऐसे खरीदें ज्वैलरी

इन दिनों जड़ाऊ चोकर पहनने का ट्रैंड चल रहा है, जिस के साथ दुलहन छोटी राउंड शेप इयररिंग्स पहन सकती है. यदि बजट कम हो तो सोने के साथ सेमीप्रिशियस स्टोन्स का इस्तेमाल कर गहनें खरीद सकती हैं. इन स्टोन्स में रूबी और पन्ने का समावेश होता है, जिन्हें बीड्स के तौर पर सोेने से बने पैंडेंट के साथ पिरोया जाता है. इन बीड्स का इस्तेमाल आप रंग के अनुसार कर सकती हैं. आप चाहें तो मोती का इस्तेमाल भी कर सकती हैं.

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