इस 4 जुलाई को राजधानी दिल्ली के वसंत विहार इलाके में 11वीं क्लास के एक बच्चे साहिल को पिता की डांट इतनी बुरी लगी कि उस ने आत्महत्या कर ली. उस के कमरे से एक पर्ची मिली है जिस पर लिखा है , सौरी मोम डैड. अपने इकलौते बेटे द्वारा आत्महत्या किये जाने से पूरा परिवार सदमे में है.

हुआ कुछ यों कि साहिल ने दो दिन पहले औनलाइन शौपिंग साइट से ब्लूटूथ बुक करवाया था. बीते बुधवार को उस के पिता के फोन पर इस डिवाइस की डिलिवरी के लिए मेसेज आया तब उन्हें इस बुकिंग के बारे में पता चला. इस के बाद उन्होंने फोन पर ही अपने बेटे को डांट लगाई. उन्होंने साहिल से कहा कि अभी पढ़ाई पर ध्यान देना चाहिए. इतना महंगा ब्लूटूथ मंगवाने की क्या जरूरत थी.

इस बात से 16 वर्षीय साहिल इतना आहत हो गया कि उस ने अपने कमरे में खुद को फांसी लगा ली. घटना के समय साहिल की मां और बहन घर पर ही थे जब कि पिता अपने कालेज गए थे. पिता को जब आत्महत्या का पता चला तो वे उसे ले कर अस्पताल गए लेकिन वहां पर डौक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.

इस तरह की घटनाएं आज के युवा और किशोर बच्चों के मन में चल रहे झंझावातों और पेरेंट्स के प्रति विद्रोह के भावों का खुलासा करती हैं.

ऐसा नहीं है कि साहिल ने खुदकुशी का फैसला पिता की केवल एक डांट के आधार पर ले लिया होगा. बल्कि उस के मन में काफी समय से कशमकश चल रही होगी. पिता के रवैयों के प्रति लम्बे समय से नाराजगी के भाव रहे होंगे. नतीजा यह हुआ कि उस डांट ने विद्रोह की चिंगारी को हवा दे दी और वह खुद को उस आग में झोंकने से रोक नहीं पाया.

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