लेखक: राकेश कुमार अग्रवाल
प्रतिष्ठित परिवार के 46 वर्षीय अधेड़ दिनेश 3 युवा बच्चों के पिता हैं. झांसीबांदा शटल ट्रेन में एक युवती के साथ छेड़खानी करने के प्रयास में उन की जम कर पिटाई की गई. युवती के भाई दिनेश को चलती ट्रेन से फेंकने की बात कर रहे थे. लेकिन यात्रियों के हस्तक्षेप के बाद दिनेश के उक्त युवती के पैर पकड़ कर माफी मांगने पर मामला किसी तरह शांत हो सका.
संयोग से ट्रेन में दिनेश के गांव के भी दर्जनों व्यक्ति यात्रा कर रहे थे. प्रकरण की जानकारी होने पर उन्होंने घटना का ढिंढोरा पूरे गांव में पीट दिया. प्रकरण से क्षुब्ध पत्नी ने पति दिनेश को 3 दिन तक खाना नहीं दिया, जबकि युवा पुत्रपुत्रियां पिता की इस हरकत से बेहद शर्मिंदगी महसूस करते रहे.
एक विवाहित बेटी समेत 3 युवा बच्चों के पिता सूरजप्रकाश एक सरकारी विद्यालय में शिक्षक हैं. पड़ोसिन से छेड़खानी करने के प्रयास में रंगे हाथों पकड़े गए. पड़ोसिन व उस के पति ने मिल कर कालोनी में ही सूरजप्रकाश की जम कर पिटाई की. इस का नजारा सूरज की पत्नी व युवा बच्चों समेत पूरी कालोनी ने देखा. सूरज की हरकत की जानकारी होने पर कोई बीचबचाव भी न कर सका.
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बिल क्ंिलटन व मोनिका लेविंस्की प्रकरण जगजाहिर है. भारत में ही राजस्थान सरकार के एक मंत्री पर ट्रेन में एक छात्रा से छेड़छाड़ का मामला 90 के दशक में सुर्खियों में रहा है. उपर्युक्त घटनाएं कुछ ऐसे उदाहरणों में से हैं जो उजागर होने पर सार्वजनिक चर्चा का विषय बन जाती हैं.
हाल ही की घटनाओं पर नजर डालें तो बौलीवुड की कई अधेड़ उम्र की हस्तियों पर छेड़खानी व बलात्कार के इलजाम लगाए गए हैं. आलोक नाथ, सुभाष घई, नाना पाटेकर व पीयूष मिश्रा ऐसे ही कुछ अधेड़ हैं जिन पर मीटू मूवमैंट के चलते खूब छींटाकशी हुई.
ये भी पढ़ें- जानिए, ब्लाइंड डेट क्या है?
इस तरह की घटनाओं से नेता भी अछूते नहीं हैं. पूर्व केंद्रीय मंत्री एम जे अकबर पर करीब दर्जनभर औरतों ने यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे. हालांकि अकबर ने आरोपों को झूठा ठहराया था, लेकिन सोशल मीडिया पर उन के खिलाफ हल्लाबोल हो चुका था.
देशविदेश में समानरूप से घटने वाले ये उदाहरण यह साबित करने के लिए पर्याप्त हैं कि अधेड़ावस्था में होने के बावजूद पुरुष की कामुक प्रवृत्ति नहीं जाती. वह कभी भी, कहीं भी किसी न किसी रूप में अपनी यौन क्षुधा मिटाने का प्रयास करता रहता है. यहां तक कि इस प्रयास में वह यह भी भूल जाता है कि घर में उस की पत्नी के साथ उस के युवा बच्चे भी हैं जो या तो गृहस्थ जीवन में प्रवेश कर चुके हैं या फिर शीघ्र ही दांपत्य बंधन में बंधने वाले हैं.
जिस उम्र में पिताओं को अपने युवा होते बच्चों के सामने एक आदर्श पिता की भूमिका पेश करनी चाहिए, उस उम्र में ऐसे पिताओं की हरकतें तमाम प्रश्न खड़े कर देती हैं.
पिता की कामुक हरकतें
अति पेटूपन व अति कामुकता में दरअसल कोई खास फर्क नहीं है. अति कामुक व्यक्ति के लिए पेटू व्यक्ति की तरह भूख बनी ही रहती है, जिसे कईकई बार भोजन करने की तमन्ना रहती है. ऐसे व्यक्तियों के लिए उम्र कोई माने नहीं रखती है. सामान्य जिंदगी में ज्यादातर देखा जाता है कि महिलाएं बच्चों की किशोरावस्था आतेआते सैक्स के प्रति उदासीन होने लगती हैं. सैक्स के लिए स्वयं पहल करने की बात तो दूर, यदि पति भी पहल करता है तो उसे उलाहना या झिड़की देने तक से नहीं हिचकतीं. उन का आमतौर पर यही कहना होता है, ‘आप को इस उम्र में भी…अब बच्चे बड़े हो गए हैं, कुछ तो खयाल रखा करो.’
ऐसी महिलाओं का भी एक बड़ा वर्ग है जो बच्चों के कारण पति के प्रति उदासीन हो जाती हैं. ऐसी महिलाओं की दुनिया बच्चों को ज्यादा तवज्जुह देती है. पति के प्रति दोयम दर्जे का भाव कामुक पतियों को यहांवहां भटकने का अवसर प्रदान कर देता है.
अतिकामुक व्यक्तियों के लिए पदप्रतिष्ठा भी कोई माने नहीं रखती है. कई बार सार्वजनिक स्थानों पर की गई उन की अश्लील हरकतें उन का चरित्र उजागर कर देती हैं. यही कारण है कि बाल यौन उत्पीड़न की घटनाओं में तेजी से बढ़ोतरी के मामले प्रकाश में आ रहे हैं.
एक छात्रा बताती है कि जब वह 10-11 वर्ष की थी तब उस के यहां किराए पर रहने वाले एक शादीशुदा अंकल ने बचपन में ही उसे जवान बना दिया. यहां तक कि उन्होंने उसे सिगरेट से ले कर शराब तक पिलाई. और यह सब लगातार 4-5 वर्षों तक चला. बाल यौन उत्पीड़न की शिकार नेहा को पुरुष जाति से ही नफरत हो गई है.
अधेड़ कामुक व्यक्ति बच्चियों को इसलिए निशाना बनाते हैं क्योंकि अकसर बच्चियां डर के कारण मातापिता को कथित अंकलों की करतूतें उजागर नहीं करती हैं. यदि कुछ मामलों में बच्चियां उजागर कर भी देती हैं, तो घर की इज्जत के नाम पर प्रकरण को दबाने का प्रयास किया जाता है. नतीजतन, सम्मानितों की काली करतूतें, खुराफातें सामने नहीं आ पातीं.
पत्नी से ऊबे पति कई बार एकरूपता व नीरसता से बचने के लिए ‘चेंज’ के रूप में पराई स्त्रियों की ओर आकर्षित हो सकते हैं.
ये भी पढ़ें- शादी के बाद जल्दी बच्चा होने से हो सकती हैं ये दिक्कतें
युवा संतानों की शर्मिंदगी
अधेड़ कामुक पिताओं की हरकतों से शर्मिदगी सब से ज्यादा युवा पुत्रपुत्रियों को उठानी पड़ती है. जिन हरकतों के लिए पिता को क्षोभ व आत्मग्लानि होनी चाहिए, वह शर्मिंदगी उन के युवा होते लड़केलड़कियों के लिए परेशानी का सबब बन जाती है. दोस्तों के मध्य अपमानबोध का सब से ज्यादा सामना उन्हें करना पड़ता है. कई बार भद्दे कमैंट्स भी संतानों को सहने पड़ते हैं. बेरोजगार पुत्र पिता की हरकतों पर जोरदार विरोध नहीं कर पाते. लड़कियों के साथ मजबूरी यह होती है कि वे विरोध करें तो किस रूप में?
क्या करें
अधेड़ावस्था में पति सामाजिक दृष्टि से चारदीवारी के बाहर यदि अश्लील हरकतें पत्नी के होते हुए करता है तो इस में निश्चिततौर पर पति के साथसाथ पत्नी भी सामान रूप से दोषी है. पत्नी चाहे तो पति की इस प्रकार की हरकतों पर अंकुश ही नहीं लगा सकती, बल्कि उन्हें पनपने का मौका भी नहीं दे सकती है. पति की इस प्रवृत्ति में कहीं न कहीं पत्नी की असफलता ही साबित होती है.
पत्नी, जो अपने पति की यौन प्रवृत्ति की सब से घनिष्ठ राजदार होती है, चाहे तो पति को अन्यत्र झांकने या भटकने से रोक सकती है. इस के लिए आवश्यक है कि वह समयसमय पर एकरूपता व नीरसता को तोड़ने के लिए अपने दांपत्य जीवन में कुछ बदलाव लाती रहे. बदलाव वेशभूषा, खानपान, रहनसहन के साथसाथ हावभाव में भी हो सकते हैं.
- शर्म, झिझक को छोड़ कर यौन संबंधों के लिए कभीकभार पत्नी भी पहल करे.
- लाइफस्टाइल व कामकला (सैक्स स्टाइल) में परिवर्तन करे.
- विशेष मौकों पर एकदूसरे को उत्तेजक भेंट भी देनी चाहिए.
- पत्नी स्वयं को पति की तरह जवान साबित करे.
- पति के साथ घूमने जाए.