अरेंज्ड या लव, शादी कैसे भी हो, ससुराल में आपसी अनबन, विचारों में मतभेद जैसी शिकायतें घरघर की कहानी है, क्योंकि हमारे समाज में शादी केवल 2 व्यक्तियों की नहीं, बल्कि 2 परिवारों की होती है, जहां लोग एकदूसरे के विचारों और स्वभाव से अनजान होते हैं. आजकल लड़कालड़की शादी से पहले मिल कर एकदूसरे को समझ लेते हैं, लेकिन परिवार के बाकी सदस्यों को समझने का मौका शादी के बाद ही मिलता है. जिस तरह से बहू असमंजस में रहती है कि ससुराल के लोग कैसे होंगे, उसी तरह ससुराल वाले भी बहू के व्यवहार से अनजान रहते हैं. ससुराल में पति के अलावा सासससुर, ननद, देवर, जेठजेठानी सहित कई महत्त्वपूर्ण रिश्ते होते हैं.

एक छत के नीचे 4 लोग रहेंगे तो विचारों में टकराव होना स्वाभाविक है, लेकिन जब यह जरूरत से ज्यादा बढ़ जाए तो रिश्तों में कड़वाहट आ जाती है.

आपसी मनमुटाव की वजहें

जैनरेशन गैप, विचारों को थोपना, अधिकार जमाने की मानसिकता, बढ़ती उम्मीदें, पूर्वाग्रह, फाइनैंशियल इशू, बहकावे में आना, प्यार में बंटवारे का डर इत्यादि रिश्तों में मनमुटाव की वजहें होती हैं. कभीकभी तो स्वयं पति भी सासबहू में मनमुटाव का कारण बन जाता है. इन सब के अलावा आजकल सासबहू के रिश्तों पर आधारित टीवी सीरियल भी आग में घी का काम कर रहे हैं.

शादीशुदा अंजलि बताती है, ‘‘घर में पति और 2 बच्चों के अलावा सास, ननद, देवर, जेठजेठानी एवं उन के बच्चे हैं. घर में अकसर एकदूसरे के बीच झगड़े व मनमुटाव का माहौल बना रहता है, क्योंकि सासननद को लगता है कि हम बहुएं केवल काम करने की मशीनें हैं. हमारा हंसनाबोलना उन को कांटे की तरह चुभता है. स्थिति ऐसी है कि परिवार के सदस्य आपस में बात तक नहीं करते हैं.’’

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD10
 
सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD79
 
सब्सक्राइब करें
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...