फिल्म ‘आशिकी 2’ से चर्चा में आई श्रद्धा कपूर अपने अभिनय और ‘सिंगिंग’ की वजह से आज एक मुकाम तक पहुंच चुकी हैं. उन्होंने साल 2010 में फिल्म ‘तीन पत्ती’ से अपने कैरियर की शुरुआत की थी. उन्होंने कई फिल्में की जिसमें कुछ सफल तो कुछ असफल रहीं. श्रद्धा इसे सहजता से लेती हैं, क्योंकि उन्हें पता है कि एक असफल फिल्म ही उसे सफल फिल्म की ओर ले जाती है. स्वभाव से नम्र और हंसमुख श्रद्धा लाइट ब्लू कलर की ड्रेस में सामने आईं और अपनी नई रोमांटिक फिल्म ‘ओके जानू’ के बारे में बातचीत की. पेश है कुछ अंश.
प्र. इस फिल्म को चुनने की वजह क्या है?
यह एक ‘लिविंग रिलेशनशिप’ पर आधारित फिल्म है. जिसमें वे बहुत अच्छी तरह जानते हैं कि वे क्या कर रहे हैं, वे अपनी मर्ज़ी से इस रिश्ते को अपनाते हैं. शादी नहीं करना चाहते हैं. यह आज का विषय है और दर्शक इसे पसंद करेंगे. इसके अलावा इस फिल्म का चुनाव अलग ढंग से हुआ, निर्देशक शाद अली ने पहले मुझे तमिल फिल्म ‘ओके कनमानी’ दिखाई और कहा कि अगर मुझे फिल्म पसंद आयेगी तो वे इसका रीमेक करेंगे. मैंने फिल्म देखी और बहुत पसंद आई. मैंने हां कर दी.
प्र. किसी फिल्म की ‘रीमेक’ में काम करना कितना मुश्किल होता है?
ये मुश्किल नहीं, क्योंकि अभिनेत्री नित्या मेनन और अभिनेता दुलकुएर ने तमिल फिल्म में बहुत अच्छा अभिनय किया है. फिल्म अच्छी तरह से लिखी गयी है, ऐसे में रीमेक में अपना टच लाने के लिए मेहनत करनी पड़ती है और वही मेरे लिए चुनौती थी.
प्र. आप की नज़र में ऐसी सोच कितनी सही है?
मेरे कुछ दोस्त हैं, जो लिविंग रिलेशनशिप में रहते है तो कुछ शादी के बाद सोचते हैं. मेरे हिसाब से इसमें सही गलत कुछ भी नहीं है, जो जिसे सूट करे, ख़ुशी दे, उसे वह कर सकता है. देखना ये पड़ता है कि इसमें आप किसी को दुःख तो नहीं पहुंचा रहे. अगर सब मर्ज़ी से राज़ी ख़ुशी से होता है, तो कोई समस्या नहीं है.
प्र. खुद लिविंग रिलेशनशिप पर रहना चाहेंगी?
पर्सनली मैं अपने माता-पिता और भाई की संगत को बहुत एन्जॉय करती हूं. अगर मौका आयेगा तो घर को छोड़ना मुश्किल होगा, जिसमें मैं पली बड़ी हुई हूं, मेरा बहुत लगाव है. इसके साथ मैं यह भी सोचती हूं कि ऐसे विचार अगर मेरे मन में कभी आये तो बहुत सोचना पड़ेगा. हो सकता है कि मैं अपने पति को ही अपने घर ले आऊं.
प्र. क्या लिविंग रिलेशनशिप में कुछ मुश्किलें आती हैं?
मैं इस बारें में कुछ कह नहीं सकती, क्योंकि मैं इस रिश्ते में अभी पड़ी नहीं हूं. लेकिन इतना सही है कि घर पर रहने से जो खुशी आपको परिवार वालों से मिलती है, वह आपको किसी और रिश्ते में नहीं मिल सकती. सुबह से ही उस ख़ुशी का दौर चलता रहता है.
प्र. आदित्य के साथ दूसरी बार काम करने का अनुभव कैसा रहा?
आदित्य एक अच्छे कलाकर हैं. कुछ फिल्में उनकी नहीं चली, वो अलग बात है, क्योंकि ऐसा तो हर किसी के साथ होता ही रहता है. उन्होंने बहुत अच्छा काम इस बार भी किया है. वे अपनी भूमिका को लेकर बहुत ‘पैशनेट’ हैं. बहुत रिहर्सल और प्रैक्टिस करते हैं. ताकि अभिनय अच्छा हो. उनसे मैं बहुत प्रेरित होती हूं.
प्र. ओके जानू की शूटिंग कहां हुई? कहीं कोई मुश्किल थी?
पूरी शूटिंग मुंबई और अहमदाबाद में हुई. बाइक पर काफी दृश्य है. पूरी फिल्म में मज़ा आया. कई बार मुंबई में स्ट्रीट पर शूट करते हुए मुश्किल आई, क्योंकि लोग जमा हो जाते थे. अहमदाबाद में शूटिंग अच्छी थी, पर गर्मी बहुत थी.
प्र. खाली समय में क्या करना पसंद करती हैं?
मैंने पिछले साल 4 फिल्मों की शूटिंग की थी. बहुत व्यस्त थी, लेकिन जब मुझे थोड़ा ब्रेक मिला, तो मैं घर पर थी. मोबाइल को ‘स्विच ऑफ’ कर दिया था, ताकि किसी की फ़ोन मुझे न आये. जब मन में चाहा सो गयी, जब मन चाहा उठ गयी, अपनी डॉग शायलो के साथ रही. मेरे मम्मी पापा के साथ रही और तीन साल बाद मैंने अपने रूम को साफ़ किया.
प्र. घर से इतना लगाव होने की वजह क्या है?
घर मेरे लिए मेरा दिल है जहां मैं बड़ी हुई हूं. मेरा कमरा वहीं है, जहां मेरा जन्म हुआ था और तब से लेकर आज तक वही रहती हूं. पहले मैं और मेरा भाई शेयर करते थे, बड़े होने पर अलग कमरा मिला. मुझे अपना घर बहुत पसंद है. इसके अलावा मुझे प्लांट्स से बहुत लगाव है, मैं खुद प्लांट्स लगाती हूं.
प्र. फिल्में जब सफल नहीं होती तो उसका असर आप पर कितना पड़ता है? उस दौर से आप कैसे निकलती हैं?
असर तो पड़ता है. मैं फील करती हूं, क्योंकि मेरे कैरियर की शुरुआत मेरी दो नाकामयाब फिल्मों से हुई थी. इसलिए उसका असर काफी था. मैं अपसेट थी. दरअसल हम फिल्में इसलिए करते हैं, क्योंकि हमें इसके प्रोसेस में मज़ा आता है. आशा रहती है कि फिल्म चले, पर न चलने पर कुछ कर नहीं सकती. करीब कुछ महीने बाद मैं उससे निकल पायी.
प्र. सेलेब्रिटी होने के बाद आप क्या ‘मिस’ करती हैं?
मैं एक नार्मल लड़की की तरह जीवन व्यतीत नहीं कर सकती. मैं सड़क पर जाकर पानी पुरी नहीं खा सकती, समुद्री तट पर अपनी डॉग शायलो को लेकर घूम नहीं सकती. उसे मैं मिस करती हूं.
प्र. कंट्रोवर्सी को आप कैसे लेती हैं?
कभी-कभी लोग गॉसिप के लिए कुछ भी बिना तथ्यों की परख किये लिख देते है, वह गलत होता है. खासकर परिवार वालों को लेकर अगर कुछ लिखा जाय तो मुझे बहुत ही ख़राब लगता है. बिना जांच परख किये आत्मविश्वास के साथ लिख देने को मैं गलत मानती हूं, जरुरी है कि रिपोर्टर अपनी जिम्मेदारी को समझ कर सही बातें लिखने की कोशिश करें. फरहान को मेरे साथ जोड़कर जो आर्टिकल लिखी गयी उसमें कही भी सच्चाई नहीं है.
प्र. आपकी आगे आने वाली फिल्में कौन सी हैं?
अभी मेरी फिल्म ‘हाफ गर्लफ्रेंड’ की शूटिंग खत्म हो चुकी है और फिल्म ‘हसीना’ पर काम चल रहा है.