उदारता देश की खुशहाली में बड़ी भूमिका अदा करती है. भारत, पाकिस्तान और बंगलादेश में 1 साल से कम आयु के बच्चों की मृत्युदर और महिलाओं में प्रजनन दर को देखने से यह बात पूरी तरह से सही साबित होती है कि उदार बंगलादेश कट्टरवादी पाकिस्तान से ज्यादा खुशहाल है. पौपुलेशन रिफरैंस ब्यूरो यानी पीआरबी ने साल 2013 की पौपुलेशन डाटाशीट में विश्व के तमाम देशों के आर्थिक व सामाजिक हालात के तुलनात्मक  आंकडे़ पेश किए हैं. पाकिस्तान के मुकाबले बंगलादेश में राजनीतिक उथलपुथल कम होती है. वहां पर संसदीय प्रणाली सरकार चलाती है. उस को जातीय संसद कहते हैं. इस के 300 सदस्य चुन कर आते हैं. बहुमत के आधार पर वे प्रधानमंत्री का चुनाव करते हैं.

पाकिस्तान में संसदीय प्रणाली के बजाय ज्यादातर समय तक सेना का शासन रहा है जिस से लोकतंत्र प्रभावित हुआ. इन दिनों भी पाकिस्तान सियासी उथलपुथल का शिकार है. एक तरफ प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की सरकार के खिलाफ देशभर में प्रदर्शन हो रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ इमरान खान और धर्मगुरु ताहिर उल कादरी की सियासी गतिविधियां भी पाकिस्तान के हालात बिगाड़ती दिख रही हैं. इधर भारत के साथ सीजफायर उल्लंघन को ले कर तल्खीभरे बयानों का सिलसिला जारी है. इस बीच, बंगलादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना तीस्ता जल समझौते को ले कर भारत से दोस्ती का हाथ बढ़ाने के साथ आर्थिक विकास को मजबूत करने में जुटी हुई हैं.

पोल खोलती बच्चों की मृत्युदर

पाकिस्तान का जन्म 1947 में हुआ था. उस समय बंगलादेश पाकिस्तान का हिस्सा होता था और उसे पूर्वी पाकिस्तान कहा जाता था. बंगलादेश का उदय 1971 में हुआ. पाकिस्तान से अलग होने के बाद बंगलादेश ने ज्यादा तरक्की की. जनसंख्या के हिसाब से देखें तो बंगलादेश की आबादी करीब 16 करोड़ है जबकि पाकिस्तान की आबादी करीब 20 करोड़ है. पाकिस्तान देश की खुशहाली पर ज्यादा ध्यान नहीं दे पा रहा है. वहां की स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल अवस्था में हैं. खुशहाल देश वही होता है जहां रहने वाले बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उठा रहे हों.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD10
 
सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD79
 
सब्सक्राइब करें
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...