सर्दियों का मौसम आते ही हर कोई ठण्ड से बचने के लिये अपने गर्म कपड़े निकालने लगता है. वैसे तो सर्दियों का मौसम बहुत ही खुशनुमा होता है. कोहरे की सफेद चादर ओढ़े हुए सुबह होना, बागों में अलग अलग रंग के फूल खिलना लेकिन फिर भी हमें एक डर अंदर से सता रहा होता है कि कहीं हम बीमार न हो जाएं. क्योंकि सर्दियों के मौसम में खांसी, जुकाम की समस्या तो आम बात है लेकिन कुछ ऐसी बीमारियां है जो सर्दी के मौसम में ही हमें अपनी जकड़ में ले लेती हैं. तो आइए सर्दी में सबसे आम बीमारियों को जानें.
हाइपोथर्मिया
हमारे शरीर का नार्मल तापमान 37 डिग्री होता है लेकिन अगर सर्दियों में शरीर का ताप 34-35 डिग्री से नीचे चला जाए तो उसे हाइपोथर्मिया कहते हैं. यह ठंडे मौसम या ठंडे पानी में जाने से होता है व शरीर में पानी की कमी होने के कारण भी होता है, इसमें हाथ-पैर ठंडे हो जाते हैं, सांस लेने में तकलीफ होती है. हार्ट बीट सामान्य से बढ़ जाती हैं व बीपी कम हो जाता है. अगर शरीर का तापमान कम हो जाए तो मृत्यु भी हो सकती है. हाइपोथर्मिया से बचने के लिये शरीर को गर्म कपड़ों से ढक के रखें मोजे, दस्ताने पहनना न भूले और ठंड में बाहर व्यायाम करते समय ध्यान रखें. इससे बचने के लिये शरीर का तापमान सामन्य रखना बहुत जरूरी होता है.
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बेल्स पाल्सी
इसे फेसियल पेरालिसिस कहते है. इस बीमारी में चेहरे की माशपेशियों में कमजोरी आ जाती है. इससे एक तरफ का चेहरा मुरझाया और टेढ़ा लगता है. इसकी वजह से पीड़ित एक ही तरफ से हंस पाता है व ग्रस्त चेहरे की तरफ की आंख भी बंद नहीं हो पाती. यह सर्दियों में बड़ा सामान्य है. कान के पास से सेवेंथ क्रेनियल नस गुजरती है, जो तेज ठंड होने पर सिकुड़ जाती है. जिसकी वजह से यह बीमारी होती है. खासकर ड्राइविंग करने वालों, रात में बिना सिर को ढके कहीं जाने वालों में इसका खतरा बढ़ जाता है, इसलिए मफलर का प्रयोग करें, गाड़ी के शीशे बंद रखें. यह अस्थायी समस्या है जिसे ठीक होने में छः महीने तक का समय लगता है यह वायरल इन्फेक्शन के बाद होने वाला रिएक्शन भी हो सकता है.
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