15वीं शताब्दी में अमेरिका के रोलको द्वीप पर सब से पहले लाललाल रंग के टमाटरों को देख कर लोगों ने इसे एक जहरीला फल समझा था. इस का खाने के रूप में प्रयोग काफी बाद में हुआ. आज टमाटर के बिना हम खाना बनाने की कल्पना भी नहीं कर सकते हैं. टोमैटो कैचअप के बिना तो सैंडविच, पिज्जा, बर्गर, नूडल्स सब फीके लगते हैं.

टमाटर का पुराना वानस्पतिक नाम लाइकोपोर्सिकान एस्कुलैंटम था. वर्तमान साइंस इसे सोलेनम लाइको पोर्सिकान कहती है. यह बैगन की प्रजाति की सब्जी है. मैक्सिको के लोग टमाटर को ‘लव एपल’ कहते थे. जब पहली बार टमाटर के पौधे को मैक्सिको के लोग भारत लाए तो भारतीयों ने इसे ‘विलायती बैगन’ कहा. धीरेधीरे टमाटर भारतीय रसोई का किंग बन गया. आज टमाटर विश्व में सब से ज्यादा प्रयोग की जाने वाली सब्जी है. सलाद, सूप, सब्जी, अचार, चटनी, कैचअप हर चीज में टमाटर का प्रयोग आज दुनियाभर में होता है.

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टमाटर के गुणकारी तत्त्व

टमाटर में भरपूर मात्रा में कैल्शियम, फास्फोरस व विटामिन सी पाया जाता है. हैरत की बात यह है कि टमाटर का स्वाद तो अम्लीय (खट्टा) होता है, लेकिन यह शरीर में क्षारीय (खारी) प्रतिक्रियाओं को जन्म देता है. इस के खट्टे स्वाद का कारण यह है कि इस में साइट्रिक एसिड और मैलिक एसिड पाया जाता है, जिस के कारण यह प्रत्यम्ल (एंटासिड) के रूप में काम करता है.

एसिडिटी की शिकायत होने पर टमाटरों की खुराक बढ़ाने से यह शिकायत दूर हो जाती है. टमाटर में विटामिन ए भी काफी मात्रा में पाया जाता है, जो आंखों के लिए बहुत लाभकारी है. टमाटर खट्टामीठा, पाचक और शक्तिवर्द्धक होने के साथ ही अतिसार, उदर रोग व मोटापा रोकने में कारगर है. इस को खाने से पाचनशक्ति बढ़ती है और गैस की शिकायत दूर होती है.

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