दिल्ली के मयूर विहार में रहने वाला 27 वर्षीय सौरभ रोजाना सुबह एक बैग पीठ पर टांग कर घर से निकल पड़ता है. देखने से तो लगता है कि औफिस जा रहा है लेकिन उस की ड्रैस कुछ और ही बताती है. ट्रैक सूट और स्पोर्ट्स शूज पहन कर सौरभ घर से निकल पड़ता है और करीब एकडेढ़ घंटे बाद वापस भी आ जाता है. आखिर वह जाता कहां है? एक दिन सौरभ के पड़ोसी ने जब उस से पूछा तब पता चला कि वह रोजाना रकिंग के लिए जाता है. सुनने में अजीब लगने वाला यह शब्द इन दिनों फिटनैस प्रेमियों के बीच खासा प्रचलित हो रहा है. रकिंग का अर्थ है अपनी पीठ पर वजन लाद कर समूह में चलना. यह वजन कम करने में मददगार है और शरीर को मजबूती भी प्रदान करता है.

कैसे करें

रकिंग को अमूमन समूह में किया जाता है लेकिन कुछ लोग इसे अकेले भी करते हैं. एक बैग में अपनी क्षमतानुसार वजन डाल कर इसे पीठ पर टांग लिया जाता है. उस के बाद एक निश्चित दूरी  तक अपनी गति में चला जाता है. इस की तीव्रता को बढ़ाने के लिए बैग में अधिक वजन डाल सकते हैं या दूरी बढ़ा सकते हैं. कार्डियोवस्कुलर और वजन कम करने के उद्देश्य से रकिंग सप्ताह में 5-6 दिन बिना रुके आधे घंटे तक करनी चाहिए.

लाभ

वर्कआउट का एक मस्ती भरा और आसान तरीका है रकिंग. चूंकि इस में सिर्फ पैदल चलना है तो आप को किसी विशेष कौशल की आवश्यकता ही नहीं है. समूह में रकिंग करने से व्यक्ति प्रेरित होता है, बातचीत करने और हंसने का भी मौका मिलता है जो अपनेआप में एक व्यायाम है. इस से शरीर सुदृढ़ बनता है, मांसपेशियों में जंग नहीं लगता और वजन कम करने में भी मदद मिलती है. हां, यह जरूर है कि यदि आप स्ट्रैंथ ट्रेनिंग की खोज में हैं या बाइसेप्स ट्राइसेप्स चाहते हैं तो यह वेट टे्रनिंग वर्कआउट का विकल्प नहीं हो सकता. दरअसल, कुछ मांसपेशियां रकिंग के दौरान बिलकुल भी काम नहीं करतीं.

क्या चाहिए

एक बेहतरीन बैक पैक और वजन के लिए पानी भरी बोतलें, किताबें, राशन या अन्य कोई वजनी वस्तु, पीने के लिए पानी की बोतल, आरामदायक कपड़े, बेहतरीन  वौकिंग शूज और खुशमिजाज लोगों का समूह रकिंग के लिए जरूरी है.

कहां जाएं

रकिंग के लिए आप जौगिंग ट्रैक से ले कर सड़क पर भी चल सकते हैं. यदि चैलेंजिंग वर्कआउट करना है तो ऊपर जाने वाली सड़क लीजिए या ऐसी सड़क जो ऊबड़खाबड़ हो.

शरीर का पोस्चर

आप का सीधे खड़े हो कर चलना जरूरी है. आप को पीठ पर दबाव महसूस नहीं होना चाहिए. पीठ में दर्द या स्लिप डिस्क वालों के लिए यह वर्कआउट वर्जित है. सीधे खड़े हो कर अपने कंधों को रिलैक्स करने दीजिए, अपने कदम तेज करने के बजाय आराम से चलिए. पैर की उंगलियों के बजाय एड़ी के बल चलना चाहिए. जमीन पर हलके कदम रखने से जोड़ों पर दबाव कम पड़ता है.

जरूरी बातें

यदि आप के बैक पैक से आप की पीठ, गरदन या कंधों में दर्द हो रहा है, तो तुरंत वजन को कम कर लीजिए. समय के साथ वजन धीरेधीरे बढ़ा सकते हैं. वर्कआउट के बाद स्ट्रैचिंग जरूर करें. कंधों के पिछले हिस्से के लिए कुछ व्यायाम अलग से कर सकते हैं. यदि आप को कंधे, पैर, जोड़ों या अन्य किसी मांसपेशी में दर्द होने लगे तो कुछ दिन आराम करने के बाद दोबारा रकिंग की शुरुआत कर सकते हैं.          

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