पैंक्रियाटाइटिस एक बीमारी है जिसमें व्यक्ति के पैंक्रियास में सूजन हो जाती है. इस बीमारी में पेट में असहनीय दर्द होता है, जिसे बरदाश्त करना बेहद मुशकिल हो जाता है. पैंक्रियास पेट के पीछे और छोटी आंत के पास एक लंबी ग्लैंड होती है. पैंक्रियास के मुख्य 2 काम होते हैं, ये शक्तिशाली पाचक एंजाइम्स को छोटी आंत में भोजन को पचाने में मदद करती है, दूसरा रक्त वाहिकाओं में इंसुलिन और ग्लूकागन को जारी करता है. ये हार्मोन्स भोजन के इस्तेमाल मेंशरीर को ऊर्जा के लिए मदद करते हैं.

आमतौर पर यह बीमारी मध्यम आयु वर्ग और बुजुर्ग लोगों में अधिक होती है, लेकिन अब यह किसी भी आयु के लोगों को प्रभावित कर रही है. ऐसा ही एक मामला हाल ही में दिल्ली के एक निजी अस्पलात में सामने आया, जहां दुर्लभ ट्रीटमेंट के बाद सफल इलाज संपन्न हुआ.

बच्चा महज 7 साल का था.जिस का इलाज लैप्रोस्कोपिक सर्जरी के माध्यम से किया गया. यह सर्जरी बच्चे में क्रौनिक पैंक्रिएटाइटिस को ठीक करने के लिए हुई. बच्चे का वजन काफी कम था और दूसरे अस्पतालों ने उस की सर्जरी करने से मना कर दिया था, क्योंकि वह महज 17 किलो का था. यह सर्जरीहमारे देश में अपनी तरह की पहली थी और दुनियाभर में पांचवी. इस मायने से यह एक बड़ी उपलब्धि भी रही.

सीके बिरला हौस्पिटल में एडवांस सर्जिकल साइंसेज एंड औंकोलौजी सर्जरीज डिपार्टमेंट के डा. अमित जावेद ने जांच के बाद इस बच्चे का इलाज न्यूनतम चीरफाड़ वाली विधि से किया, जिस से उसे कम दर्द हुआ और वह जल्दी ठीक भी हो गया.

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