कोरोना वायरस के चलते हैंड सैनिटाइजर की मांग तेजी से बड़ी है. घर से बाहर, औफिस, बस, मैट्रो, स्कूल आदि में जहां बारबार पानी और साबुन का उपयोग संभव नहीं होता, वहां हैंड सैनिटाइजर हाथों को साफ करने में सब से असरदार है. हैंड सैनिटाइजर तरल, जेल व फोम में उपलब्ध होता है जो हाथों से संक्रामक एजेंटों को नष्ट करता है. यह एजेंट बैकटीरिया, वायरस व अन्य रोगाणु हो सकते हैं. हाथों को साबुनपानी से धोए जाने को अधिक असरदार माना जाता है परंतु साबुन न होने पर हैंड सैनिटाइजर का उपयोग अनिवार्य है. हैंड सैनिटाइजर कुछ रोगाणुओं को खत्म करने में कारगर नहीं होता जैसे नोरोवायरस, क्लोस्ट्रीडियम डिफ्फिसिल रसायन व अन्य हार्मफुल केमिकल्स.

हैंड सैनिटाइजर की बढ़ती मांग के चलते अनेक ब्रांड इसे बनाने लगे हैं. बाजार में उपलब्ध डेटोल, लाइफबौय, हिमालया, डाबर आदि ब्रांड के हैंड सैनिटाइजर मुख्य हैं.

हैंड सैनिटाइजर की कमी मार्च के शुरुआती महीने में भी देखने को मिली थी जब भारत में कोरोना का कहर टूटा था और सभी दुकानों से हैंड सैनिटाइजर आउट औफ स्टोक हो गए थे.

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बड़ी कंपनियों के हैंड सैनिटाइजर की कमी को पूरा न करने के चलते छोटे निर्माता मैदान में कूदे जिस के चलते जल्द ही नकली हैंड सैनिटाइजर भी बाजार में आ गए. मार्च के दूसरे हफ्ते में ही हैदराबाद से नकली हैंड सैनिटाइजर की 25 हजार बोतलें बरामद की गई थीं. हैंड सैनिटाइजर के बड़े दामों और नकली सैनिटाइजर के बाजार में आने से लोगों के लिए केवल मुश्किल ही खड़ी हुई है.

ऐसे में यह जान लेना बेहद जरूरी है कि हमें किस तरह के हैंड सैनिटाइजर का प्रयोग करना चाहिए व हैंड सैनिटाइजर खरीदते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए.

अल्कोहल बेस्ड व नोन अल्कोहल बेस्ड

हैंड सैनिटाइजर के दो मुख्य प्रकार हैं अल्कोहल बेस्ड व नोन अल्कोहल बेस्ड हैंड सैनिटाइजर.

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अल्कोहल बेस्ड हैंड सैनिटाइजर में 60 से 95 फीसदी अल्कोहल की मात्रा होती है. इस में अधिकतर आइसोप्रोपिल, इथेनोल और प्रोपेनोल अल्कोहल का इस्तेमाल होता है. अल्कोहल बेस्ड सैनिटाइजर एमआरएसए व ई-कोलाए बैक्टीरिया को मारने में भी असरदार है. साथ ही, इंफ्लुएंजा ए वायरस, फ्लू वायरस, कोल्ड वायरस, राइनो वायरस, एचआईवी व मिडल ईस्ट रैसपिरेटोरी सिंड्रोम कोरोनावायरस अर्थात मर्स-कोव पर भी असरदार साबित हुआ है.

अल्कोहल रब सैनिटाइजर अधिकतर बैक्टीरिया और फंगी को मारते हैं व वायरस को रोकते हैं. 70 फीसदी से ज्यादा अल्कोहल (अधिकतर इथेनोल) की मात्रा वाला सैनिटाइजर इस्तेमाल के 30 सैकंड में 99.99 फीसदी बैक्टीरिया को खत्म कर देता है.

सैनिटाइजर में अल्कोहल होने से वह हाथों की त्वचा से वायरस को घेरने वाले एनवेलप प्रोटीन को नष्ट करता है. जिन सैनिटाइजर में अल्कोहल की मात्रा 60 फीसदी से कम होती है वे वायरस नष्ट करने में कम प्रभावी होते हैं अथवा अप्रभावी होते हैं. यह विविध सूक्ष्मजीवों को नष्ट करता है परंतु बीजाणुओं को नहीं.

अल्कोहल बेस्ड हैंड सैनिटाइजर में ग्लिसरोल कम्पाउंड मिलाया जाता है जिस से यह स्किन को अत्यधिक ड्राइ न करे. कुछ में सुगंध भी डाली जाती है, परंतु इस के इस्तेमाल को रोका जाता है क्योंकि इस से एलर्जी रिएक्शन का खतरा होता है.

अल्कोहल फ्री हैंड सैनिटाइजर में क्वाटरनरी अमोनियम कम्पाउंड्स का इस्तेमाल होता है. इन में बेंजालोनियम क्लोराइड या ट्राइक्लोसन का उपयोग भी होता है. इस सैनिटाइजर से भी रोगाणुओं की संख्या कम होती है परंतु यह अल्कोहल बेस्ड सैनिटाइजर से कम असरदार होता है.

हालांकि, अल्कोहल फ्री हैंड सैनिटाइजर त्वचा पर तुरंत प्रभावी हो सकता है, लेकिन अधिक समय तक रखे रहने से खुद दूषित हो सकता है. अल्कोहल इन-सोल्यूशन प्रीजरवेटिव है और इस के बिना सैनिटाइजर कंटेमिनेट या संदूषित हो सकता है.

हैंड सैनिटाइजर का उपयोग

हैंड सैनिटाइजर बीमारी फैलाने वाले रोगाणुओं से बचाते हैं, खासकर तब जब आप के आसपास साबुन और पानी न हो. यह रोगाणुओं की संख्या  को भी कम करते हैं.

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1.हैंड सैनिटाइजर को हथेली के बीचोंबीच डाल कर हाथों पर अच्छी तरह फैलाएं. दोनों हाथों को अच्छी तरह रगड़ें. सैनिटाइजर को हाथों पर तबतक रगड़ें जबतक वह सूख न जाए.

2.सैनिटाइजर सूखने से पहले उसे पानी से न धो लें और न ही किसी कपड़े से पोंछें.

3.सैनिटाइजर का प्रयोग कभी भी आग के आसपास, किचन में गैस बरनर के पास खड़े हो कर किसी भी जलती हुई चीज के पास जा कर न करें. हैंड सैनिटाइजर ज्वलनशील होता है इसलिए इस के इस्तेमाल में सावधानी बरतें.

4.यदि आप के हाथ मिट्टी में सने हों, तैलीय हों या अत्यधिक गंदे हों तो उस पर हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल न करें. सैनिटाइजर गंदे हाथों पर रोगाणु खत्म नहीं कर सकता. हाथों को पानी और साबुन से धोएं.

5.दूषित पदार्थ जैसे भारी धातु अथवा मेटल व कीटनाशक को हटाने के लिए हैंड सैनिटाइजर उपयुक्त नहीं है.

6.अल्कोहल की कम मात्रा वाले हैंड सैनिटाइजर व घर पर बनाए सैनिटाइजर में अल्कोहल की सांद्रता कम होती है जिस से वे रोगाणुओं को मारने में अधिक असरदार नहीं होते.

सैंटर फौर डिजीज एंड प्रिवेंशन के अनुसार, सभी को अल्कोहल बेस्ड हैंड सैनिटाइजर का उपयोग करना चाहिए जिस में अल्कोहल की मात्रा 60 फीसदी से ज्यादा हो. हैंड सैनिटाइजर खरीदते समय उस की मेनुफेक्चरिंग डेट देखना कभी न भूलें. जहां तक संभव हो ब्रांडेड सैनिटाइजर ही खरीदें.

सावधानी बरतना जरूरी है

रेवाड़ी, हरियाणा के 44 वर्षीय व्यक्ति ने किचन में हैंड सैनिटाइजर के इस्तेमाल के चलते खुद को 35 फीसदी जला लिया. कोरोना वायरस के भय के चलते लोग लगातार हैंड सैनिटाइजर का उपयोग कर रहे हैं. यह व्यक्ति भी किचन में अपने फोन व चाबी आदि को सैनिटाइज कर रहा था जहां उस की पत्नी पास खड़ी खाना बना रही थी. सफाई करते समय उस के कुर्ते पर सैनिटाइजर गिर गया जिस से कुर्ते ने आग पकड़ ली. उस व्यक्ति का मुंह, गर्दन, छाती, पेट व दोनों हाथ आग में झुलस गए.

जैसा कि पहले भी बताया गया है कि हैंड सैनिटाइजर में अल्कोहल की अधिक मात्रा होने से वह ज्वलनशील हो जाता है व आग की लपटों में आ सकता है.

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बढ़ती गरमी को देखते हुए हैल्थ औफिशियल्स का कहना है कि हैंड सैनिटाइजर को अधिक तापमान वाली जगह पर न रखें. इसे कार में रखने से भी मना किया गया है.

हैंड सैनिटाइजर की रंगबिरंगी बोतलें व सुगंध के चलते इसे बच्चों से दूर रखना अनिवार्य है. बच्चे इसे पी भी सकते हैं जिस से उन्हें अल्कोहल पोइजनिंग व अन्य हैल्थ रिस्क हो सकते हैं,  इसलिए इसे बच्चों की पहुंच से दूर रखना जरूरी है.

हैंड सैनिटाइजर के अत्यधिक इस्तेमाल से त्वचा की ऊपरी परत से ओयल हट सकता है. आप घर पर हैं तो पानी और साबुन का ही इस्तेमाल करें.

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