अगर आप किसी ऐसी जगह पर जा रहे हैं जहां पर इस बीमारी से लोग पीडि़त हैं तो वहां पर सावधानियां बरतें. जो लोग इस बीमारी से पीडि़त हैं उन्हें 3 लेयर वाला सर्जिकल मास्क पहनना चाहिए. ऐसे डाक्टर जो इन मरीजों का इलाज कर रहे हैं उन्हें एन95 मास्क का इस्तेमाल करना चाहिए. अगर किसी आदमी को यह बीमारी हो जाती है तो वह 2 से 3 लोगों को यह बीमारी फैला सकता है. यह बीमारी तभी फैलती है जब आप का कम से कम 10 मिनट तक उस से संपर्क रहे. लेकिन, इस बीमारी से पीडि़त कुछ ऐसे लोग होते हैं जिन्हें हम सुपर स्प्रेडर कहते हैं. ऐसा एक आदमी हजारों में यह बीमारी फैला सकता है. ऐसा लगता है कि चीन में यह बीमारी एक ही आदमी से फैली है. साउथ कोरिया में भी एक महिला ने यह बीमारी फैलाई. इसी तरह ईरान में भी एक सुपर स्प्रेडर रहा होगा जिस ने यह बीमारी फैलाई होगी.

साउथ कोरिया में भी एक महिला ने यह बीमारी फैलाई

इस बीमारी से बचना है तो हमें फ्लू से बचना होगा क्योंकि इस बीमारी में और फ्लू की बीमारी के लक्षणों में कोई फर्क नहीं है.अगर किसी को भी खांसीजुकाम के साथ बुखार है तो उसे समझ लेना चाहिए कि उस को यूलाइक इलनैस है. उसे दूसरे लोगों से 3 फुट की दूरी तक रहना चाहिए अगर उस ने मास्क नहीं पहन रखा. जहां पर भी वह खांसीजुकाम करता है उस जगह को साफ कर देना चाहिए.

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सिंपल ब्लीचिंग पाउडर में यह वायरस एक मिनट में मर जाता है. अगर यह बीमारी फैल जाए तो
ऐसी जगह में नहीं जाना चाहिए जहां पर लोग इकट्ठे होते हैं. भारत में सार्स, मर्स,  इबोला तथा येलो फीवर नाम की बीमारियां कभी नहीं आईं. अब जब कोरोना देश में भी दस्तक दे चुका है तो हमें सतर्क रहना
जरूरी है.

भारत, पाकिस्तान,  नेपाल और श्रीलंका में इस प्रकार की बीमारियां पहले कम देखी गई हैं.

यह बीमारी सार्स से कम खतरनाक है, लेकिन ज्यादा तेजी से फैलने वाली है. जो बीमारी ज्यादा तेजी से फैलती है उस को रोकना मुश्किल होता है.भ्रांतियों से बचें एक बार अगर यह बीमारी आ जाए तो 7 दिन में यह बीमारी दोगुने लोगों को हो जाती है. लेकिन साउथ कोरिया में यह देखा गया कि यह बीमारी 2 दिन में
3 गुना लोगों को हो गई. भारत में बहुत सारे लोग अफगानिस्तान से मैडिकल चैकअप के लिए आते हैं और अगर वे 15 दिनों के बीच में ईरान गए हों तो वे इस बीमारी को भारत में ला सकते हैं.

ऐसी महामारी पूरी दुनिया में आ चुकी है. सार्स, मर्स ऐसी

अभी तक देखा नहीं गया है कि यह बीमारी अगर गर्भावस्था में औरतों को हो जाए तो वह बीमारी उन के बच्चों में फैल सकती है या नहीं. कई सारे लोग इस बीमारी के बारे में भ्रांतियां फैला रहे हैं कि यह चीन की एक लैबोरैट्री से निकली है. यह बायोटेररिज्म हो सकती है. यह मांस खाने से होती है. यह अमेरिका और चीन की लड़ाई है. चीन में यह बीमारी लाखों में फैल चुकी है. चीन में हजारों लोगों को गोली मार दी गई जो कोरोनो वायरस से पीडि़त थे इत्यादि, सब झूठ है. यह सब भ्रम है और हमें इन से बचना चाहिए.
इस से पहले भी ऐसी महामारी पूरी दुनिया में आ चुकी है. सार्स, मर्स ऐसी 2 बीमारियां हैं जो पहले महामारी का रूप ले चुकी हैं और वे इसी वायरस की जाति से हैं.

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इस बीमारी को रोकने के लिए चीन ने एक ऐसा असंभव कार्य किया जो शायद कोई दूसरा देश न करता. चीन ने 5 करोड़ लोगों को नजरबंद कर दिया ताकि यह बीमारी देश के शेष हिस्सों में न जा पाए. अगर उस ने ऐसा न किया होता तो शायद चीन में अब तक यह बीमारी बड़ी महामारी का रूप ले चुकी होती. अभी तक डब्लूएचओ ने इसे महामारी घोषित नहीं किया है, हालांकि, कहा है कि सभी इस के लिए तैयार रहें.

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