कोरोना वायरस संक्रमण की चौथी लहर देश में बड़ी तेजी से बढ़ रही है. अब की बार का वैरिएंट पहले के मुकाबले ज्यादा खतरनाक है. जैसेजैसे कोरोना के केसेस बढ़ रहे हैं, सरकार लोगों पर वैक्सीनेशन करवाने का दबाव बना रही है. वहीं पहले जो लोग वैक्सीनेशन के साइड इफैक्ट से डर रहे थे और इस को टाल रहे थे, वे अब सरकारी और गैरसरकारी अस्पतालों के चक्कर लगा रहे हैं और जल्दी से जल्दी वैक्सीन पाने के लिए खुद को रजिस्टर करवा रहे हैं.

कोरोना की जो वैक्सीन अस्पतालों में उपलब्ध है वह कितनी प्रभावशाली व सुरक्षित है, यह कहना मुश्किल है. कुछ केसेस आए हैं जिन में वैक्सीन लगवाने के बाद मौतें हुई हैं, वहीं बहुतेरे ऐसे लोग हैं जो वैक्सीन लेने के बाद फिर से कोरोना की चपेट में हैं.

ये भी पढ़ें- क्या रेमडेसिविर इंजेक्शन है कोरोना की सही दवा है, आखिर क्यों हुई देश में इसकी कमी?

लखनऊ के किंग जौर्ज मैडिकल यूनिवर्सिटी में 40 डाक्टर्स कोरोना पौजिटिव पाए गए हैं जबकि डाक्टर्स, नर्सेस और अन्य मैडिकल स्टाफ को सब से पहले वैक्सीन दी गई थी. लखनऊ की मैडिकल यूनिवर्सिटी के कुलपति डा. विपिन पुरी और चिकित्सा अधीक्षक डा. हिमांशु भी कोरोना संक्रमित पाए गए हैं जबकि इन दोनों सहित मैडिकल कालेज के बाकी 38 डाक्टर्स को वैक्सीन की दोनों डोज 25 मार्च से पहले ही दी जा चुकी हैं.

ऐसे में वैक्सीन से हमारी कितनी सुरक्षा हो सकेगी, यह कहना तो मुश्किल है लेकिन अभी चूंकि यही एक रास्ता है तो लोग जल्दी से जल्दी वैक्सीन पाने की होड़ में दिख रहे हैं. अगर आप भी कोरोना वायरस की वैक्सीन लगवाना चाहते हैं तो जरूर लगवाएं मगर आप को कुछ बातें ध्यान में रखने की जरूरत है.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD10
 
सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD79
 
सब्सक्राइब करें
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...