ढाई साल पहले कोरोना की पहली लहर जब भारत में आई तब सभी कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को वर्क फ्रौम होम करने का निर्देश दिया. महामारी के चलते यह समय की मांग भी थी. अपनी कंपनी से मिले निर्देश के बाद दिल्ली के कनाट प्लेस में काम करने वाली रजनी भी घर से काम करने लगी. शुरूशुरू में घर से काम करना एक्साइटेड लग रहा था, लेकिन धीरेधीरे वर्क फ्रौम होम के चलते रजनी की जीवनशैली में नकारात्मक बदलाव आने लगे.

दरअसल, चुस्तफुरतीली रजनी पहले जब औफिस जाती थी तो काफी ऐक्टिव रहती थी. वह जल्दी उठ कर घर की साफसफाई करती, फिर नहाधो कर अपने लिए टाइम पर हैल्दी खाना बनाती. वह अच्छे ट्रैंडी और स्टाइलिश कपड़े पहनती जो उस की फिगर पर जमते. सुंदर काया वाली रजनी चेहरे पर फबने वाला हलका मेकअप करती. वह ठीक 9 बजे सुभाष नगर से ब्लूलाइन मैट्रो पकड़ती और मेट्रो से उतरने के बाद औफिस के लिए हमेशा 10 मिनट वौक का सहारा लेती.

शरीर को ऐक्टिव रखने के लिए वह ऐसा करती. हमेशा 3 फ्लोर ऊपर चढ़ने के लिए लिफ्ट के बजाय सीढि़यों से जाती. वह अपने शरीर पर ध्यान देती.

तकरीबन 2 साल तक वर्क फ्रौम होम करने के चलते रजनी मोटापे का शिकार होने लगी. उस की करीने से ढली कमर में

2 राउंड टायर दिखने लगे. ठुड्डी में चिन दिखने लगी जिस से उस का तीखा चेहरा गोल आकार लेने लगा. उस का बौडी शेप गड़बड़ा गया.

वह वर्क फ्रौम होम के चलते सुबह अधिकतर देर से उठने लगी थी. देररात सीरीज और फिल्में देखने के चलते देर से सोती. सुबह तब उठती जब औफिस टाइम शुरू होता. ऐसे में न हैल्दी खाना बनाने की, न टाइम पर नहानेधोने की फिक्र रहती. भूख लगी तो बाहर से फास्ट फूड और्डर कर दिया.

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