पुराने समय में गांवों से हुक्का लोग बड़े शोक से पीते थे. आज शहरों में इस चलन ने नए रूप के साथ फिर से शुरूआत की है. आज शहरों में पार्टी या फिर किसी खास महफिल में हुक्का ना हो तो पार्टी पूरी ही नहीं होती. दिल्ली, मुबंई जैसे शहरों में हुक्का बार की भरमार है. और यहां आपको किसी भी हुक्का बार में लड़के-लड़कियां हुक्का के कश लगाते मिल जाएंगे. कुछ लोग इस गलत फहमी में भी हुक्का पीते हैं कि इससे किसी तरह का कोई नुकसान नही होता.

सिगरेट से ज्यादा खतरनाक हुक्का

युनिवर्सिटी औफ कैलिफोर्निया के रिपोर्ट के मुताबिक हुक्का सिगरेट से भी ज्यादा नुकसानदेह होता है. इसमें निकोटीन के साथ हशिश (एक तरह का ड्रग) का इस्तेमाल होती है. साथ ही इसमें फ्लेवर के लिए जिन फ्लेवर का इस्तेमाल किया जाता है वो भी सेहत के लिए नुकसानदेह होता है. कुछ लोगों को मानना है कि हर्बल हुक्का स्वास्थय के लिए हानिकारक नही होता. अगर आप भी कुछ ऐसा ही सोचते है तो यह बिल्कुल गलत है क्योंकि वो भी उतना ही नुकसान पहुंचाता है जितना बाकि हुक्का पीने से होता है.

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सिगरेट के तंबाकू से ज्यादा खतरनाक हुक्का का तंबाकू

रिपोर्ट के मुताबिक हुक्का पीना इसलिए भी ज्यादा खतरनाक है क्योंकि जब भी कोई हुक्का पीता है तो वो लगभग 30 से 45 मिनट तक हुक्का पीता है. इतने समय तक लगातार कार्बन मोनोऔक्साइड शरीर के अंदर जाता है जो सिगरेट से ज्यादा खतरनाक होता है. रिपोर्टकर्ताओं के मुताबिक कार्बन मोनोऔक्साइड शरीर के लिए जहर जैसा काम करता है.

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