अक्सर आप कीटो डाइट के बारे में सुनते होंगे, पर क्या आप जानते हैं, असल में कीटो डाईट है क्या? तो आइए आज आपको कीटो डाईट के बारे में बताते हैं.
एक रिसर्च के मुताबिक यह बात सामने आई है कि कीटो डाइट बाकी सभी डाइट से बेहतर और इफेक्टिव है. इसका अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि किम कार्दशियन, हुमा कुरैशी और करण जौहर जैसे सेलिब्रिटीज कीटो डाइट से अपना वजन कम करने और एक हेल्दी लाइफस्टाइल जीने में कामयाब रहे हैं. आप भी इस डाइट को अपनाकर वेट लौस जर्नी को किक स्टार्ट दे सकते हैं.
कीटो डाइट क्या है
कीटोजेनिक डाइट जिसे शार्ट में कीटो डाइट कहा जाता है एक लौ कार्ब, हाई फैट डाइट है जिस में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा कम और वसा की मात्रा ज्यादा होती है जिससे व्यक्ति के शरीर को ऊर्जा तो मिलती है लेकिम वजन नहीं बढ़ता. कार्बोहाइड्रेट्स की यह कमी शरीर को मेटाबोलिक स्टेट में डाल देती है जिसे कीटोसिस कहा जाता है. कीटोसिस से व्यक्ति लगातार वजन घटाता है, लेकिन इस डाइट की सलाह सिर्फ उन लोगों को दी जाती है जिन का वजन 100 किलो से ज्यादा हो और इस कारण वह बीमारियों से घिरे हुए हों.
कीटोजेनिक डाइट में आपके पूरे शरीर की ऊर्जा का स्त्रोत केवल वसा होती है जो शरीर के फैट को 24 घंटे बर्न करती रहती है. जब शरीर का इन्सुलिन लेवल गिर जाता है तो फैट बर्निंग अत्यधिक बढ़ जाती है. इस डाइट से वेट लौस तो होता ही है, साथ ही इससे आप की भूख कम हो जाती है और आप को पूर्ण ऊर्जा भी मिलती रहती है. इस से आप अलर्ट और फोकस्ड भी रहते हैं.
कीटो डाइट के प्रकार
इसमें स्टैंडर्ड कीटोजेनिक डाइट, साइकिलिकल कीटोजेनिक डाइट, टार्गेटेड कीटोजेनिक डाइट और हाई प्रोटीन कीटोजेनिक डाइट शामिल हैं. हालांकि, अधिकतर स्टैंडर्ड कीटोजेनिक डाइट और हाई प्रोटीन डाइट ही प्रयोग में लाई जाती है. साइकिलिक और टार्गेटेड डाइट एथलिट व बॉडीबिल्डर्स के लिए इस्तेमाल की जाती है.
स्टैंडर्ड कीटोजेनिक डाइट लौ-कार्ब, मोडरेट प्रोटीन और हाई फैट डाइट है. इस में 75% फैट, 20% प्रोटीन व केवल 5% कार्ब होते हैं. यह स्टैंडर्ड कीटो डाइट पर आधारित है.
कीटो डाइट के फायदे
- कीटो डाइट भी बाकी सभी लौ-कार्ब, हाई फैट डाइट की तरह ही काम करती है लेकिन इस के हेल्थ बेनिफिट्स बाकी सभी डाइट्स से बढ़कर हैं.
- कीटो डाइट व्यक्ति के शरीर को फैट बर्निंग मशीन बना देती है. इसमें इन्सुलिन की मात्रा लगातार घटती है जिससे बिना भूख लगे शरीर का फैट बर्न होता है.
- यह ऐपेटाइट कंट्रोल करता है जिस से एनर्जी शरीर में स्टोर होती रहती है और बारबार भूख नहीं लगती.
- स्टडीज के अनुसार यह टाइप 2 डायबिटीज को कम करती है और शरीर के शुगर लेवल्स को भी घटाती है. ऐसा इसलिए क्योंकि यह ब्लड शुगर लेवल्स को कम करती है और इन्सुलिन के नेगेटिव इम्पैक्ट को रिड्यूस करती है.
- कीटो डाइट बुलिमिया नर्वोसा जैसे रोगों से लड़ने में भी सहायक है.
- कीटो डाइट एचडीएल कोलेस्ट्रोल लेवल्स, ब्लड प्रेशर और ब्लड शुगर को कम करती है जिससे हार्ट रिस्क भी कम होते हैं.
- कीटो डाइट अल्ज़्हेइमर्स डिजीज के लक्षणों को कम करने और इसे बढ़ने से रोकने में सहायक हो सकती है.
- रिसर्च के अनुसार कीटो डाइट बच्चों में एपिलेप्सी रोग से लड़ने में सहायक है. वर्तमान में इसे अडल्ट्स पर भी इस्तेमाल किया जा रहा है.
- शरीर में वसा के एकत्र होने से यह व्यक्ति की फिजिकल परफौरमेंस बढ़ाती है. समान्य व्यक्ति के शरीर में कार्बोहाइड्रेट्स ( ग्लाइकोजन) एकत्र होते हैं जो कुछ घंटों के लिए ही ऊर्जा देते हैं जबकि वसा एक हफ्ते तक शरीर को ऊर्जा दे सकती है.
कीटो डाइट में फ़ूड
कीटो डाइट में 60 से 80 फीसदी कैलोरीज वसा से प्राप्त की जाती है. इस में ऐसे फल व सब्जियां खाये जाते हैं जिनमे कार्बोहायड्रेट की मात्रा कम और वसा की ज्यादा हो.
इसमें लाल मीट, चिकन, साल्मन, बटर, क्रीम, ओमेगा 3 होल एग्स, पोस्चर्ड एग्स, अनप्रोसेस्सेड चीज़, मेवे जैसे बादाम, अखरोट, एक्स्ट्रा वर्जिन ओलिव आयल, कोकोनट आयल, अवाकाडो आयल, अवाकाडो, लौ-कार्ब सब्जियां जिनमें अधिकतर हरी सब्जियां, टमाटर, प्याज, शिमला मिर्च आदि खाई जाती हैं.