अति हर चीज की बुरी होती है. यह बात उन चीजों पर भी लागू होती है जिन के बारे में प्रचारित किया जाता है कि वे स्वास्थ के लिए लाभदायक हैं. मसलन, रविंद्र यादव का ही किस्सा लें. इस 44 वर्षीय व्यवसायी को किसी ने बता दिया कि अगर वह विटामिंस और अन्य सप्लीमैंट नियमित लेता रहेगा तो हमेशा स्वस्थ और जवान बना रहेगा. इसलिए वह विटामिंस व सप्लीमैंट्स की 8 गोलियां सुबह को और इतनी ही शाम को लेने लगा. कुछ ही दिनों बाद इस का नतीजा यह निकला कि यादव को हृदय रोगों और मधुमेह की शिकायतें होने लगीं.

जी हां, अगर आप विटामिंस भी अधिक और लंबे समय तक लेंगे तो वे भी आप के शरीर को फायदा पहुंचाने के बजाय नुकसान पहुंचाएंगी. विटामिन ए, डी, ई और के जब शरीर में अधिक मात्रा में एकत्र हो जाते हैं तो वे टौक्सिक या जहरीले स्तर तक पहुंच जाती हैं. सीधी सी बात यह है कि अगर आप सही से भोजन कर रहे हैं और आप को किसी बीमारी की शिकायत नहीं है तो आप को मल्टीविटामिंस की आवश्यकता नहीं. उन्हें डाक्टर की सलाह पर ही लें.

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रेखा शर्मा अपने स्कूटर से जा रही थीं, सामने एक ठेला आ गया जिसे देख कर उन्होंने ब्रेक लगाए और अपना दाहिना पांव संतुलन बनाए रखने के लिए जमीन पर टिका दिया. लेकिन पांव पर थोड़ा सा जोर पड़ा और उस में फ्रैक्चर हो गया. डाक्टर ने डैंसिटोमेट्री टैस्ट कराया तो मालूम हुआ कि रेखा शर्मा औस्टियोपोरोटिक हैं यानी उन की हड्डियां कमजोर हैं.

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