स्वास्थ्य की दुनिया में विज्ञान और तकनीक के संगम से अनोखे प्रयोग किए जा रहे हैं. इन प्रयोगों के तहत मैडिकल साइंस इंसानी जिस्म के कई महत्त्वपूर्ण अंगों को तैयार करने में जुटी है. मानव शरीर में कृत्रिम अंगों के प्रत्यारोपण से ले कर कई दुरूह बीमारियों के आसान इलाज तक के क्रांतिकारी बदलावों पर रोशनी डाल रहे हैं जितेंद्र कुमार मित्तल.
नए साल के साथ ही 21वीं सदी के दूसरे दशक ने हमारे दरवाजे पर दस्तक दे दी है और इस के साथ ही शुरू हो गया है विज्ञान की नई व चमत्कारिक संभावनाओं का नया दौर, जो शायद हमारे जीवन को पूरी तरह बदल देने की क्षमता रखता है. जो चीजें
अभी तक वैज्ञानिक उपन्यासकारों की कल्पनाशक्ति का अंग बनी हुई थीं, उन में से कई इस सदी के दूसरे दशक में उपन्यास के पन्नों से निकल कर न केवल वास्तविकता बनने के कगार पर हैं बल्कि उन से हमारा जीवन भी बहुत सुलभ हो जाएगा. इन संभावनाओं में सब से ज्यादा चौंका देने वाली संभावनाएं स्वास्थ्य के क्षेत्र से संबंध रखती हैं.
वह समय दूर नहीं है जब शरीर के अवयव यानी अंग बड़े पैमाने पर प्रयोगशाला में बनाए जाने लगेंगे. आप को यह जान कर आश्चर्य होगा कि वैज्ञानिक काफी समय से इस दिशा में काम कर रहे हैं और वे हृदय, रक्तवाहिनी शिराएं, शरीर की त्वचा, हड्डियां व उपस्थि यानी कार्टिलेज जैसी चीजें प्रयोगशाला में बनाने में काफी हद तक सफल रहे हैं. अब तक के वैज्ञानिक प्रयोगों की सफलता को देखते हुए यह विश्वास के साथ कहा जा सकता है कि वह दिन दूर नहीं है जब हमारे शरीर के सभी अवयव प्रयोगशालाओं में बनने लगेंगे.