अक्सर पैरेंटस ये सोचते हैं कि उनका बच्चा जितना ज्यादा खाएगा, उतना ही हेल्दी रहेगा. आमतौर पर कई बच्चे खाने में आनाकानी करते हैं. ऐसे में पैरेंटस बच्चों को जबरदस्ती खाना खिलाते हैं. पर क्या आप जानते हैं, बच्चों को जबरदस्ती खाना खिलाना उनकी सेहत के लिए काफी खतरनाक साबित हो सकता है.
तो आइये जानते हैं कि जबरदस्ती खाना खिलाने से बच्चों के स्वास्थ्य पर क्या प्रभाव पड़ता है.
सुस्ती और कमजोरी
जरूरत से ज्यादा खाना खिलाने से बौडी में एक तरह का न्यूरोबायलौजिकल इम्बैलेंस हो जाता है. एक बार इसका लेवल बौडी में गिरता है, तो बच्चे को कमजोरी महसूस होती है और वो पूरे दिन थका-थका महसूस करते हैं. ऐसे में जब बच्चे मोटापा का शिकार हो जाता है, तब बौडी में एनर्जी बनाए रखने के लिए उसे हमेशा कुछ न कुछ खाना पड़ता है.
बच्चों को पर्याप्त मात्रा में नहीं मिलता पोषण
पैरेंटस द्वारा जबरदस्ती खाना खिलाने की जिद बच्चों को मोटापे का शिकार बना सकती है. दरअसल खाना खाने का भी शरीर का अलग विज्ञान है. खाने को अच्छी तरह पचने के लिए और उससे ज्यादा से ज्यादा पोषण पाने के लिए जरूरी है कि खाया गया खाना पूरी इच्छा और खुशी से खाया गया हो. ऐसे में जब आप बच्चों को जबरदस्ती खाना खिलाते हैं, तो उनके शरीर को न तो उस खाने से पोषण मिलता है और न ही वो खाना पूरी तरह पच पाता है.
कोलेस्ट्रौल और दिल की बीमारी
जरूरत से ज्यादा खाना खिलाने से बच्चे के शरीर में कोलेस्ट्रौल लेवल बढ़ जाता है, जिससे दिल और दिमाग दोनों प्रभावितो होता है. कोलेस्ट्रौल की बढ़ी हुई मात्रा दिल की कई गंभीर बीमारियां जैसे- हार्ट अटैक, हार्ट फेल्योर और स्ट्रोक का खतरा पैदा कर सकता है. इसलिए बच्चों को जबरदस्ती खाना न खिलाएं.
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