लेखिका-डा. तृप्ति रहेजा

मेनोपॉज के बाद हर 3 वयस्क महिलाओं में से एक किसी न किसी प्रकार की कार्डियोवैस्कुलर बीमारी से पीडि़त होती है. ऐसा पाया गया है कि 50 साल की आयु के बाद हृदय संबंधी बीमारियां महिलाओं की मौत की मुख्य वजह होती हैं

महिलाओं के जीवन में  मेनोपॉजएक प्राकृतिक चरण होता है और इस के होने के करीब 10 वर्षों बाद महिलाओं में हार्टअटैक होने की आशंका बढ़ जाती है. महिलाओं की कुल मौतों में से आधे से अधिक हृदय संबंधी बीमारियों के कारण होती हैं. ऐसी महिलाएं, जो मीनोपौज से गुजर चुकी हैं, को निम्न बीमारियां हैं तो उन्हें हार्टअटैक आने का जोखिम अधिक है-

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1    डायबिटीज

2    धूम्रपान

3    हाई ब्लडप्रैशर

4    मोटापा

5    लंबे समय तक बैठे रहने की आदत

6  परिवार में हृदय संबंधी बीमारियों का इतिहास

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एस्ट्रोजन शरीर की रक्त धमनियों को लचीला बनाए रखने में मदद करता है ताकि वे रक्त प्रवाह के अनुसार सिकुड़ सकें और विस्तार कर सकें.  मेनोपॉज के बाद शरीर में एस्ट्रोजन का स्तर घट जाता है जिस से रक्त धमनियों में कड़ापन आ जाता है और इस से हृदय संबंधी बीमारी होने का जोखिम बढ़ जाता है.  मेनोपॉज के बाद एस्ट्रोजन का स्तर घटने से शरीर में कई प्रकार के बदलाव आते हैं. ब्लडप्रैशर बढ़ने लगता है, एलडीएल यानी बुरा कोलैस्ट्रौल बढ़ने लगता है जबकि एचडीएल यानी अच्छा कोलैस्ट्रौल घट जाता है या समान रहता है और शरीर का वजन बढ़ने लगता है.

हृदय को कैसे सुरक्षित रखें

अगर आप स्वस्थ जीवनशैली का पालन करती हैं तो हृदय संबंधी बीमारियों और स्ट्रोक के जोखिम को कम किया जा सकता है. महिलाएं नियमित व्यायाम व अच्छे खानपान को अपनाने के साथ ही धूम्रपान जैसी अस्वस्थ आदतों को छोड़ कर अपने हृदय को स्वस्थ रख सकती हैं. गौरतलब है, धूम्रपान से मेनोपॉज जल्दी आना, खून के थक्के जमने का जोखिम बढ़ना, धमनियों का लचीलापन कम होना और एचडीएल कोलैस्ट्रौल का स्तर कम होता है.

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