लेखक- प्रो. रवि प्रकाश मौर्य (कृषि विज्ञान केंद्र, सोहांव, बलिया, अयोध्या, उत्तर प्रदेश)

बलिया जिला मुख्यालय से  64 किलोमीटर व सीयर ब्लौक से 4 किलोमीटर उत्तरपश्चिम दिशा में स्थित पड़री गांव है. इस गांव के 35 साल के युवा किसान ज्ञान चंद शर्मा हैं. इन्होंने स्नातक की तालीम हासिल की है. इस युवा किसान के प्रक्षेत्र का भ्रमण कर उन से चर्चा की.

ज्ञान चंद शर्मा ने बताया कि उन की पुश्तैनी जमीन महज 2 एकड़ है और वे 13 एकड़ जमीन 15,000 रुपए प्रति एकड़ की दर से किराए पर  ले कर खेती करते हैं. इसे आम भाषा में ‘पोत’ कहते हैं.

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किसान ज्ञान चंद शर्मा के पास आधुनिक कृषि यंत्र जैसे- रोटावेटर, डिस्क हैरो, लेजर लैवलर, गाजर बोने व खोदने का यंत्र, गाजर की सफाई व पानी से धुलाई करने का यंत्र, स्प्रिंकलर सैट, टपक सिंचाई यंत्र आदि की सुविधा है.

खरीफ में बासमती धान, बैगन, टमाटर व खीरा की खेती उन्होंने की थी. वर्तमान में रबी सीजन में सरसों, गेहूं, बैगन आधा एकड़ में, शिमला मिर्च आधा एकड़ में, फैं्रचबीन व टमाटर की भी आधे एकड़ में उन की फसल लहलहा रही है.

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10 एकड़ क्षेत्रफल में लाल गाजर की फसल लगी थी, जिस की खुदाई कर उन्हें बेचा जा चुका है. अभी आधा एकड़ क्षेत्रफल में पीला गाजर तैयार होने की स्थिति में है.

गाजर व अन्य फसलों से खाली हुए खेतों में जायद सीजन के लिए खीरा आधा एकड़ में और तरबूज 10 एकड़ में लगा चुके हैं. जैविक विधि से भी वे कीटों का प्रबंधन करते हैं.

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