रेड लेडी बिहार में धूम मचाने के लिए पूरी तरह से तैयार है. ताइवान का मशहूर रेड लेडी पपीता अब बिहार के खेतों में लहलहाएगा. बिहार के कृषि विभाग ने ताइवान के पपीते की खेती के लिए बड़ी योजना तैयार की है. किसानों को इस का पौधा 8 रुपए में मुहैया कराया जाएगा. इस किस्म के पपीते की खेती बिहार के किसी भी हिस्से में की जा सकती है. ताइवान के पपीते की इस किस्म की खासीयत यह है कि इस से प्रति पेड़ 97 से 99 फीसदी तक फल पाए जा सकते हैं, जबकि सामान्य पेड़ों से 50 से 60 फीसदी तक ही फल मिल पाते हैं. इस का 1 पेड़ सामान्य पपीते की किस्म के 3 पेड़ों के बराबर होता है. इस पपीते के पेड़ की लंबाई 8 से 10 फुट होती है और पौधा लगाने के 1 साल बाद ही उस में फल आने शुरू हो जाते हैं. हर पेड़ से ढाई से 3 सालों तक फल मिलते हैं.

इस ताइवानी किस्म के 50 ग्राम बीजों को 1 हेक्टेयर खेत में लगाया जा सकता है, जबकि इतने ही रकबे में साधारण किस्म के पपीते के 400 ग्राम बीजों की खपत हो जाती है. फिलहाल सूबे के हर जिले में पपीते की खेती की जाती है, लेकिन गोपालगंज, पटना और उत्तर बिहार के जिलों में इस की ज्यादा खेती की जाती है. बिहार में पपीते का सालाना उत्पादन 1 लाख टन है.

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