लेखक-प्रो. रवि प्रकाश मौर्य, डा. सुमन प्रसाद मौर्य

हमारे यहां ग्रामीण क्षेत्रों में चूहे को विभिन्न नामों से जाना जाता है. कहीं चुहिया, कहीं मूस, तो कहीं मूसी कहते हैं. चूहा घर व खेतखलिहान तक हानि पहुंचाता है.

चूहे द्वारा हानि घरों में हानि : चूहे घरों में रखे सामान को खा जाते हैं. चूहों के काटने से मनुष्य में स्पाइरल मूसक दंश हो जाता है. म्यूसन टाइफस व टाइफस बुखार दोनों बीमारी चूहों द्वारा ही इनसान को होती हैं. जब चुहिया घरों के कपड़ों में पेशाब कर देती है तो वही कपड़े बिना धुले पहन लेने पर लैप्टो स्पाइरल पीलिया बीमारी इनसानों में हो जाती है. घरों में रखे अनाजों में जब चुहिया मलमूत्र कर देती है और उसी अनाज को बिना धुले हुए इस्तेमाल किया जाता है, तो उस में क्लोस्ट्रीडियम, नोटिलियम नामक बैक्टीरिया होता है, जिस से फूड पौयजनिंग हो जाता है.

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खेतों में हानि चूहे हमारी फसलों में विशेषकर गेहूं, धान, मूंगफली, चना, तिल, गन्ना, ज्वार, बाजरा और नारियल की फसलों को अत्यधिक हानि पहुंचाते हैं. खेतों में बनी कच्ची नालियों को काट देते हैं, जिस से पानी का नुकसान हो जाता है. ज्यादा पानी बहने से फसलें डूब जाती हैं. फसलों को काट कर नुकसान करने के साथसाथ बालियों को बिलों में एकत्रित कर लेते हैं. फसल कटाई कर जब खलिहान में एकत्रित किया जाता है, तो रखे बंडल के नीचे इन का प्रकोप हो जाता है.

खाद्यान्न भंडार में क्षति खलिहान तक क्षति पहुंचाने के बाद खाद्यान्न भंडारों में/गोदामों/घरों में रखे अनाज को भी क्षति पहुंचाते हैं. उपरोक्त के अतिरिक्त कपड़ों, जूतों, विद्युत उपकरण के तारों को कुतर देते हैं. सभी जगह चूहों से हानि ही हानि होती है. स्वभाव चूहे बहुत ही चालाक व शक्की स्वभाव के होते हैं. जरा सा भी संदेह होने पर ये किसी विशेष वस्तु को खाना छोड़ देते हैं.

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