फलों की मांग दिनोंदिन बढ़ती जा रही है. फल वाले पौधों को लगा कर किसान ज्यादा फायदा कमाने लगे हैं. किसान फल वाले पेड़ों को लगा कर मिट्टी व पानी को बचाते हुए प्रति हेक्टेयर क्षेत्रफल से अच्छा लाभ प्राप्त कर सकते हैं. फल के पेड़ों से ज्यादा लाभ कमाने के लिए बागों को लगाते समय खास बातों को ध्यान में रखना चाहिए.

फल वाले पौधों का चुनाव

बागबानी की सफलता के लिए फल वाले पौधों का चुनाव स्थान, मिट्टी की किस्म, सिंचाई के साधन व जमीन के अंदर के पानी की गुणवत्ता को ध्यान में रखते हुए करते हैं. शीतोष्ण जलवायु में सेब, आड़ू, चेरी आदि व समशीतोष्ण जलवायु में लीची, अंगूर, लोकाट आदि और उष्ण जलवायु में आम, अमरूद, आंवला, कटहल आदि लगाना ठीक रहता है.

जगह का चुनाव

रोपाई के लिए फल वाले पौधों का चुनाव करने के बाद सही जगह का चुनाव सफल बागबानी के लिए जरूरी है. जगह चुनने के लिए निम्न बातें ध्यान में रखना जरूरी है:

* चुनी गई जगह में पानी नहीं भरा होना चाहिए और मिट्टी का पीएच मान 7-8 के करीब होना चाहिए.

* सिंचाई व जल निकास का अच्छा इंतजाम होना चाहिए.

* वाहन आनेजाने का सही रास्ता होना चाहिए.

* जगह गांव के पास होनी चाहिए.

बाग का रेखांकन

बाग की रोपाई में बाग के रेखांकन को ध्यान में रखते हैं. हर पौधे की वृद्धि के लिए काफी जगह होनी चाहिए ताकि उस का रखरखाव करने में कोई परेशानी न हो. इस बात को ध्यान में रखते हुए आम, अमरूद, लीची व आंवला की रोपाई वर्गाकार व आयताकार तरीके से करनी चाहिए. आम, अमरूद, लीची व आंवला की  रोपाई में लाइन से लाइन और पौध से पौध की दूरी इस तरह रखते हैं:

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