अगर पशु की हालत अचानक खराब हो जाए, तो मामला गंभीर हो जाता?है. ऐसे में अकसर अस्पताल पहुंचने से पहले ही पशु दम तोड़ देता?है. ऐसी हालत से बचने के लिए पशु का प्राथमिक इलाज करना चाहिए. यहां ऐसे ही कुछ घरेलू इलाजों के बारे में बताया जा रहा?है, जिन में इस्तेमाल की जाने वाली हींग, अजवाइन, हलदी, सौंफ, तेल, कालानमक, सादा नमक, खाने वाला सोडा व नौसादर वगैरह चीजें आमतौर पर किसानों के घरों में आसानी से मिल जाती हैं.

* अफारा (गैस बन जाना) : कई बार ज्यादा मात्रा में हरा चारा खाने से पशु का बाईं ओर का पेट फूल जाता?है और पशु को सांस लेने में कठिनाई होती है. इस के इलाज के लिए आधे लीटर अलसी के तेल में 30 मिलीलीटर तारपीन का तेल मिला कर पिलाएं या पानी में 15 ग्राम हींग घोल कर पिलाएं. इस से पशु को काफी आराम मिलता है.

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* खांसी : कभीकभी पशु को ठंड के मौसम में खांसी हो जाती है. इस के इलाज के लिए कपूर की 1 टिकिया को 7 चम्मच शहद और गुड़ के साथ मिला कर दिन में 3-4 बार चटाएं, तो पशु को आराम मिलता है.

* कब्ज : कई बार ज्यादा चारा या जहरीला चारा या खराब अनाज खाने से पशु को कब्ज हो जाता है. ऐसे में पशु को 100 ग्राम सादा नमक, 200 ग्राम भगसल्फ और 30 ग्राम सोंठ (या अदरक) आधे लीटर पानी में घोल कर पिलाएं.

* दस्त: दस्त लगने पर पशु को पहले दिन आधा लीटर अलसी का तेल या आधा कप अरंडी का तेल पिलाएं और दूसरे दिन 8 चम्मच खडि़यापाउडर, 4 चम्मच कत्था, 2 चम्मच सोंठ व गुड़ को पानी में मिला कर पिलाएं. इस से काफी फायदा होगा.

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