पशुपालकों के सामने अपने दुधारू पशुओं के लिए साल भर हरे चारे का इंतजाम करना मुश्किल होता है, जबकि दुधारू पशुओं को पौष्टिक दाने व चारे के साथ हरा चारा खिलाना बेहद जरूरी होता है. हरा चारा खिलाने से पशु न केवल निरोग रहते हैं, बल्कि कई तरह के पोषक तत्त्वों की पूर्ति भी हो जाती?है. पशुपालक हरे चारे के रूप में बरसीम, नैपियर घास, जई, मक्का, बाजरा, लोबिया, उड़द व मूंग आदि का इस्तेमाल पशुओं को खिलाने के लिए करते हैं. लेकिन इस तरह का हरा चारा साल भर नहीं मिल पाता है. गरमी के मौसम में पशुपालक अपने पशुओं को सिर्फ सूखा चारा व दाना खिलाने पर मजबूर होते?हैं. इस से दुधारू पशु कम दूध देने लगते हैं. ऐसी स्थिति में किसान यह सोच कर परेशान होते हैं कि अपने पशुओं को हरे चारे की जगह क्या खिलाएं.

पोषक तत्त्वों से?भरपूर हरे चारे का जुगाड़ साइलेज बना कर किया जाता है. हरे चारे व पोषक तत्त्वों से भरपूर खाद्यानन को मिला कर बनाए जाने वाले साइलेज से दूध उत्पादन में तेजी से बढ़ोतरी होती है. इस से हरे चारे को लंबे समय तक रखने में मदद मिलती है. वहीं साइलेज के रूप में हरे चारे का भंडारण भी लंबे समय तक किया जा सकता है.

साइलेज के रूप में हरे चारे में पाए जाने वाले गुण व पौष्टिक तत्त्व नष्ट नहीं होते?हैं, बल्कि इस में और कई तरह के सूक्ष्म पोषक तत्त्वों की बढ़ोतरी हो जाती?है. पशुओं के लिए साइलेज के रूप में हरे चारे की मौजूदगी सालभर बनाए रखने के लिए साइलेज को तैयार करने की विधि को ले कर कृषि विज्ञान केंद्र बंजरिया बस्ती में विषय वस्तु विशेषज्ञ राघवेंद्र विक्रम सिंह से लंबी बातचीत हुई. प्रस्तुत है उन से हुई बातचीत के खास अंश:

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