मछलीपालन से अच्छीखासी कमाई होती है, पर मछलियों की कुछ ऐसी किस्में हैं, जो उत्पादकों को कम खर्च में मोटी कमाई देती हैं. देश के सभी राज्यों की सरकारें मछलीपालन को बढ़ावा देने की कवायद में लगी हुई हैं और इस के लिए उत्पादकों को काफी मदद भी दी जा रही है. मछली उत्पादकों को यह जानना और समझना पड़ेगा कि किस किस्म की मछली की बाजार में ज्यादा मांग है. इस से उत्पाद को खपाने के लिए खास मशक्कत नहीं करनी पड़ती है और बेहतर मुनाफा भी मिल जाता है. पंगेसियस मछली का उत्पादन कर के किसान अपनी कमाई को कई गुना बढ़ा सकते हैं. कृषि वैज्ञानिक वीएन सिंह बताते हैं कि मीठे पानी में पंगेसियस मछली का वजन काफी तेजी से बढ़ता है और यह 8 महीने में ही डेढ़ किलोग्राम की हो जाती है. यह मछली भारतीय मछली की तुलना में 5 गुना ज्यादा तेजी से बढ़ती है. 1 हेक्टेयर क्षेत्र में पंगेसियस मछली के उत्पादन में 5 लाख रुपए का खर्च आता है. इस में 60 हजार रुपए मछली के बीजों पर और 4 लाख, 40 हजार रुपए मछली के भोजन पर खर्च आता है.

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पंगेसियस मछलीपालन के लिए मत्स्यकी विकास बोर्ड हैदराबाद की ओर से 2 लाख रुपए, राज्य योजना से 50 हजार रुपए और मार्जिन मनी के रूप में बैंकों से ढाई लाख रुपए मछलीपालकों को दिए जाते हैं. बिहार के मत्स्य संसाधन मंत्री बैद्यनाथ साहनी ने बताया कि मछली उत्पादकों को विदेशी मछली पंगेसियस के उत्पादन के लिए 5 करोड़ रुपए की सब्सिडी दी जाएगी. राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत मछली उत्पादन के लिए पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के जरीए 875 किसानों को सब्सिडी की रकम दी जाएगी. विभाग मछलीपालकों को 1 हेक्टेयर क्षेत्र में 1000 किलोग्राम के बजाय 2500 किलोग्राम मछली उत्पादन के लिए जागरूक कर रहा है. पिछले साल पंगेसियस मछली के उत्पादन के लिए 168 किसानों को सब्सिडी दी गई थी. उन किसानों ने 126 हेक्टेयर में पंगेसियस मछली का पालन किया था और 1117 मीट्रिक टन मछली की पैदावार हुई थी. झींगा मछली का जलजमाव वाले इलाकों में अच्छाखासा उत्पादन हो सकता?है. उत्तर बिहार के पूर्णियां, कटिहार, सहरसा, अररिया, मधेपुरा और किशनगंज जिलों के जलजमाव वाले इलाकों में झींगापालन योजना शुरू की गई?है. बिहार में झींगा के माइक्रो ब्रेकियम रोजाबर्गी और माइक्रो विलियम मालकम सोनी वेराइटी का काफी बढि़या उत्पादन हो सकता?है. गौरतलब?है बिहार में हर साल 30 से 50 टन झींगा मछली की खपत होती है और इस की कीमत 500 से 700 रुपए प्रति किलोग्राम?है. 1 हेक्टेयर क्षेत्र में झींगापालन करने में 2 लाख, 80 हजार रुपए तक की लागत आती है.

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