प्याज पैदा करने के मामले में भारत चीन के बाद दूसरे नंबर पर है. भारत में प्याज की सब से ज्यादा पैदावार महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, बिहार, गुजरात व हरियाणा राज्यों में होती है. देश में प्याज की 3 बार फसलें ली जाती?हैं. एक फसल जनवरी से मार्च तक, दूसरी फसल रबी के मौसम में मार्च से जून तक, तीसरी खरीफ में अक्तूबर से दिसंबर तक. साल में 3 बार प्याज की फसल लेने के बाद भी समयसमय पर प्याज के दाम बढ़ने लगते?हैं.

इस का पहला कारण मौसम की मार?है, जिस से फसल खराब होने पर प्याज की कमी हो जाती है. दूसरा खास कारण है देश में प्याज के भंडारण के लिए कोल्ड स्टोरों की कमी होना. आमतौर पर प्याज का ज्यादा दिनों तक भंडारण घर में नहीं किया जा सकता. किसान प्याज का?भंडारण न कर के बाजार में जल्दी बेच देते हैं, क्योंकि कुछ समय के बाद प्याज खराब होने लगता है.

क्या करें किसान

किसानों को चाहिए कि जब फसल तैयार हो जाए तो उस में तकरीबन 1 महीने पहले से पानी न दें. इस से जमीन एकदम सूख जाएगी और प्याज में नमी भी नहीं रहेगी. उस के बाद प्याज खेत से खोदें. जिस से प्याज ज्यादा दिनों तक सुरक्षित रहेगी. प्याज भंडारण के कम लागत के तरीकों में किसी कमरे की जमीन पर भूसा बिछा दें और उस के ऊपर प्याज फैला दें. इस में प्याज की नमी को भूसा सोख लेता है और प्याज जल्दी खराब नहीं होता है. कमरे में हवा का आनाजाना सही रहना चाहिए. कमरे में खिड़की आदि जरूर हो.

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