लेखक- श्रीराम सिंह,
कृषि विज्ञान केंद्र, बरकछा, मीरजापुर वर्तमान समय में पूरी दुनिया कोरोना वायरस की चपेट में है. इस वजह से देश में सभी कारोबार ठप हैं. सभी के कामधंधों पर भी खासा असर पड़ रहा है, परंतु खेतीबारी का काम ऐसा है, जो समय से नहीं हुआ तो फायदे की जगह नुकसान उठाना पड़ेगा. साथ ही, देश की माली हालत भी खराब हो जाएगी. ऐसे समय में आज हम लोग कृषि उत्पादन में आए ठहराव को दूर करने और कम लागत में टिकाऊ खेती के लिए जरूरी बातों पर चर्चा करेंगे, जिस से किसानों को अपनी फसल से बेहतर उपज मिल सके. गरमी में खेतों की गहरी जुताई करनी चाहिए. ऐसा करने से खेत की पानी सोखने की कूवत बढ़ेगी,साथ ही नुकसान पहुंचाने वाले कीटों का सफाया होगा और फायदेमंद कीटों को पनपने का मौका मिलेगा.
इस से कीटनाशकों पर होने वाले गैरजरूरी खर्च में कमी आएगी.
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* बरसात के पानी को सहेजने का इंतजाम करना चाहिए. खेत की उपजाऊ मिट्टी को बह कर जाने से रोकने के लिए मजबूत व ऊंची मेंड़ बनानी चाहिए. पानी रोकने के उपाय करने चाहिए. पहली बरसात का पानी खेत में जरूर रोकें.
* जिस फसल की बोआई करनी हो, उस की क्षेत्र के लिए स्वीकृत प्रजातियों के आधार पर या प्रमाणित बीज की ही बोआई करें. * हमेशा खेत की मिट्टी की जांच के आधार पर खेत में खाद व उर्वरक का इस्तेमाल करें.
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* धान और गेहूं फसल चक्र में हरी खाद का इस्तेमाल जरूर करना चाहिए.