फलों में अंजीर एक लोकप्रिय फल है जो ताजा और सूखा ही खाया जाता है. इसे पका कर और मुरब्बा बना कर भी इस्तेमाल किया जाता है. पेड़ पर उगने वाला यह फल ज्यादातर उन जगहों पर पाया जाता है जहां की आबोहवा शीतोष्ण और शुष्क होती है.

भारत में यह फल कर्नाटक, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, गुजरात और उत्तर प्रदेश के कुछ इलाकों में पाया जाता है.

दुनिया की अगर बात करें तो यह प्रमुखत: दक्षिणी और पश्चिमी अमेरिका और उत्तरी अफ्रीका के देशों में उगाया जाता है.

अंजीर के लिए गरम मौसम और सही सूरज की रोशनी चाहिए होती है. अंजीर के पेड़ बड़े और घने होते हैं. इन्हें फलनेफूलने के लिए अच्छीखासी जगह चाहिए होती है.

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उगाएं उन्नत किस्म

बाजार में तमाम तरह की अंजीर मौजूद हैं, पर इन में से कुछेक ही अपनी खूबी के लिए पहचानी जाती हैं. भारत में पाई जाने वाली कुछ प्रमुख किस्में इंडियन रौक, एलींफैंट ईयर, कृष्णा, वींपिंग फिग, सफेद फिग वगैरह हैं. अगर दुनिया की बात करें तो ब्राउन टर्की, ब्रंसविक और ओसबौर्न अंजीर की कुछ प्रमुख किस्में हैं.

अंजीर अलगअलग रंग व शेड में मिलते हैं. इन का रंग बैगनी, हरा या फिर भूरा भी हो सकता है. हर तरह की अंजीर साल के अलगअलग समय पर मिलती है.

आप अपने निकटतम नर्सरी में जाएं और पूरी जानकारी हासिल करें या फिर किसी माहिर कृषि वैज्ञानिक से सलाह लें कि आप के इलाके की आबोहवा के मुताबिक कौन सी किस्म अच्छी रहेगी.

अंजीर के लिए गरम व ट्रौपिकल मौसम सब से बेहतर होता है. रेगिस्तानी आबोहवा अंजीर की अच्छी पैदावार के लिए अनुकूल मानी जाती है. इसलिए आप पाएंगे कि अंजीर की प्रमुख किस्में ज्यादातर ऐसे ही इलाकों में उगाई जाती हैं. कुछ ही किस्में ऐसी हैं जो 40 डिगरी फारेनहाइट यानी 4 डिगरी सैल्सियस से कम तापमान पर भी उगाई जाती हैं. पेड़ लगाने का सही समय आमतौर पर अंजीर वसंत मौसम के मध्य में बोई जानी चाहिए. अंजीर का एक नया पेड़ तकरीबन 2 से 3 साल में फल देना शुरू कर देता है.

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